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ग्लोबल साउथ के देश आगे बढ़ रहे हैं: पुतिन

रूसी राष्ट्रपति और विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के मध्य एक बैठक हुई जिसके दौरान पुतिन ने ब्रिक्स, यूक्रेन संकट और पश्चिम की नीति के बारे में बात की।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को रूसी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर इस पर जोर दिया कि दुनिया इतनी तीव्रता से परिवर्तित हो रही है, जितनी पहले कभी परिवर्तित नहीं हुई होगी -- न तो वैश्विक राजनीति के स्तर पर और न ही अर्थव्यवस्था के स्तर पर।

व्लादिमीर पुतिन ने इस बैठक में कहा, "अधिक से अधिक राज्य संप्रभुता को मजबूत करने के प्रयत्न करते रहते हैं। नई वास्तविकता के आधार पर एक बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की नींव बन रही है।"

ब्रिक्स मुख्य नियामक संस्थाओं में से एक बन जाएगा

ब्रिक्स को लेकर रूसी राष्ट्रपति का मानना यह ​​है कि ब्रिक्स अंततः मुख्य नियामक संस्थाओं में से एक बन जाएगा; रूस इस संगठन में बढ़ती रुचि देख रहा है। इसके अतिरिक्त बता दें कि ब्रिक्स प्रारूप में अन्य देशों की बढ़ती रुचि दिखाई दे रही है।

पुतिन ने कहा कि "रूस ब्रिक्स में नए प्रतिभागियों के सुचारु रूप से सम्मिलित होने के लिए सहायता प्रदान करेगा।"

कोई भी देश नाटो द्वारा प्रभावित किया जा सकता है

साथ ही पुतिन ने बताया कि अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी राज्य सोचते हैं कि उन्होंने शीत युद्ध जीत लिया है और विश्व व्यवस्था का निर्धारण कर सकते हैं।

रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा, "यह शीघ्र ही स्पष्ट हो गया कि विश्व में सुरक्षा सुनिश्चित करने की पश्चिमी योजना वास्तविक रूप में कार्य नहीं करती है। विश्व का कोई भी देश नाटो द्वारा प्रभावित देशों की सूची में संलग्न होने से अछूता नहीं है।"

उनके अनुसार, नाटो उन देशों पर दबाव बढ़ाने का प्रयास कर रहा है जिनके विकास पर वह रोक लगाने की योजना बना रहा है, जिनमें रूस भी सम्मिलित है।
पुतिन ने यूरो-अटलांटिक सुरक्षा प्रणाली के पतन की घोषणा करते हुए कहा कि अभी एक नई व्यवस्था बनानी पड़ेगी।

उन्होंने यूरोप पर आक्रमण करने की इच्छा के बारे में रिपोर्टों को अटकलें बताते हुए कहा कि "यह बिल्कुल बकवास है, यह हथियारों की होड़ के लिए एक प्रमाणन है। यूरोप को रूस से खतरा नहीं, अमेरिका से ही है।"

यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा की गारंटी की आवश्यकता

पुतिन ने इस बैठक के दौरान यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा की गारंटी पर व्यापक चर्चा आरंभ करने की आवश्यकता की घोषणा की।

उन्होंने कहा, "यूरेशिया में सामूहिक सुरक्षा की गारंटी पर चर्चा करने और अतिरिक्त क्षेत्रीय सैन्य बलों की उपस्थिति को कम करने का समय आ गया है।"

यूक्रेन संकट — पश्चिम की आक्रामक नीति का परिणाम

साथ ही व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में हो रहे विशेष सैन्य अभियान को लेकर अपनी मान्यता को भी साझा किया।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "यूक्रेनी संघर्ष की जड़ें द्विपक्षीय संबंधों में नहीं हैं, यह पश्चिम की आक्रामक नीति का परिणाम है। नाटो ने यूक्रेन को रूस के विरुद्ध अपना अड्डा बनाने का प्रयास किया है, देशों को एक-दूसरे के विरुद्ध खड़ा करने के लिए सब कुछ कर दिया।"

पुतिन ने आगे इस पर जोर दिया कि रूस को आशा था कि यूक्रेनी संघर्ष शांतिपूर्ण ढंग से निपट जाएगा, लेकिन रूस के सभी प्रस्ताव अस्वीकार कर दिए गए थे।
उन्होंने साथ ही कहा कि यूक्रेन की राजधानी में हमला करने की कोई बात नहीं हुई, मार्च 2022 में रूसी सैनिक यूक्रेनी नेतृत्व को वार्ता करने के लिए आग्रह करने के लिए कीव के निकट खड़े थे।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, "यह पश्चिम ही था जिसने यूक्रेनी संकट को तैयार किया था और उसे भड़काया था। और अब पश्चिम संकट जारी रहे इसको सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ कर रहा है।"

व्लादिमीर पुतिन का मानना यह है कि ज़ेलेंस्की की सत्ता की वैधता किसी भी तरीके से बहाल नहीं की जा सकती। पुतिन के अनुसार, कीव शासन के लिए शक्ति का स्रोत सशस्त्र तख्तापलट है।

पुतिन ने साथ ही कहा, "कार्यकारी शाखा के विपरीत वेरखोव्ना राडा (यूक्रेनी संसद) है जो अब यूक्रेन में एक वैध शासन का स्रोत है।"

इसके अतिरिक्त, पुतिन ने वार्ता की शर्तों के बारे में बात करते हुए कहा कि यूक्रेनी सैनिकों को नए रूसी क्षेत्रों के पूरे क्षेत्र से वापस ले लिया जाना चाहिए, कीव को यह घोषणा करनी चाहिए कि नाटो में सम्मिलित होने की उसकी कोई योजना नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, "रूस आज एक और वास्तविक शांति प्रस्ताव रख रहा है, परंतु यदि पश्चिम और कीव इसे अस्वीकार करते हैं, तो रक्तपात के लिए वे स्वयं उत्तरदायी होंगे।"

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