अफगानिस्तान पर विदेशी विशेष दूतों के सम्मेलन में तालिबान सरकार की भागीदारी के बारे में संदेह था, क्योंकि पहले दौर में इसे शामिल नहीं किया गया था और फिर फरवरी में दूसरे दौर के निमंत्रण को तालिबान ने अस्वीकार कर दिया था।
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, "इस्लामिक अमीरात का एक प्रतिनिधिमंडल आगामी दोहा सम्मेलन में भाग लेगा। वे वहां अफ़गानिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे और अफ़गानिस्तान की स्थिति को व्यक्त करेंगे।"
साथ ही उन्होंने अफगान मीडिया को बताया कि एक प्रतिनिधिमंडल इसमें भाग लेगा, क्योंकि वार्ता का एजेंडा “अफगानिस्तान के लिए फायदेमंद” मालूम होता है।
मुजाहिद ने कहा, "एजेंडे में अफगानिस्तान के लिए सहायता और वहां निवेशकों के लिए अवसर पैदा करने जैसे विषय शामिल हैं, जो महत्वपूर्ण हैं।"
गौरतलब है कि अफगानिस्तान पर दोहा में वार्ता 30 जून और 1 जुलाई को होनी है। फरवरी की वार्ता में महिलाओं सहित नागरिक समाज समूहों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन तालिबान सरकार ने तब तक इसमें भाग लेने से इनकार कर दिया जब तक कि उसके सदस्यों को अफगानिस्तान का एकमात्र प्रतिनिधि नहीं मान लिया जाता।
*आतंकवादी गतिविधियों के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन
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