व्यापार और अर्थव्यवस्था

भारत का रूसी तेल आयात 13 महीने के उच्चतम स्तर पर: रिपोर्ट

यूराल को रूस का प्रमुख कच्चा तेल ग्रेड माना जाता है और यह भारत के रूसी तेल आयात का मुख्य आधार है। जून में भारतीय रिफाइनरों ने संचयी रूप से 1.61 मिलियन बीपीडी यूराल कच्चा तेल खरीदा, जो अब तक का सबसे उच्चतम आयात है।
Sputnik
रूस से भारत के तेल आयात में वृद्धि जारी है। इंटेलिजेंस फर्म वोर्टेक्सा द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा के अनुसार मास्को के प्रमुख कच्चे तेल ग्रेड यूराल के अब तक के सबसे अधिक आयात की मात्रा के कारण जून में भारत का रूसी तेल आयात अपने चरम पर पहुंचा जो पिछले वर्ष मई के बाद से सबसे अधिक है।
नई दिल्ली ने पिछले महीने रूस से प्रतिदिन 2.13 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात किया, जो मई महीने से 7.2% अधिक है। आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल मई महीने में रूस से आयात 2.15 मिलियन बैरल प्रतिदिन रहा जो सबसे अधिक था। वास्तव में, जून में यूराल का आयात 1.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया।
इस बीच, भारत को कच्चे तेल के अन्य शीर्ष आपूर्तिकर्ता इराक और सऊदी अरब से आयात की मात्रा में क्रमशः 24% और 25% की गिरावट देखी गई। कुल मिलाकर, देश ने जून में प्रतिदिन 4.74 मिलियन बैरल कच्चे तेल का आयात किया, जो जून 2023 में आयात किए गए 4.67 मिलियन बैरल प्रतिदिन से थोड़ा अधिक है।
भारतीय कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जून में सबसे अधिक मात्रा में रूसी कच्चा तेल खरीदा, जो 5,42,948 बैरल प्रतिदिन था। इसके बाद तेल आयात करने में दूसरे नंबर पर सरकारी स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉर्प रही जिसने 4,53,851 बैरल प्रतिदिन खरीदा।
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