भारत-रूस संबंध
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देश वास्तविकताओं के प्रति रहें सचेत: मोदी की रूस यात्रा पर डोनाल्ड लू के बयान पर भारत

8-9 जुलाई को भारत के प्रधानमंत्री ने मास्को का दौरा कर रूस के साथ संयुक्त दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कर द्विपक्षीय परियोजनाओं पर चर्चा की और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की। पीएम मोदी ने रूसी राष्ट्रपति के साथ वार्ता के तहत यह काम पूर्ण किया गया।
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भारत के विदेश मंत्रालय प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक नियमित समाचार ब्रीफिंग में अमेरिकी सहायक विदेश मंत्री द्वारा पीएम मोदी के रूसी दौरे पर बाइडन प्रशासन की निराशा पर कहा कि बहुध्रुवीय विश्व में सबको चुनने का अधिकार है।

जायसवाल ने कहा, "यह अमेरिकी कांग्रेस में की गई टिप्पणियों से संबंधित है। आपको यह समझना चाहिए कि भारत का रूस के साथ दीर्घकालिक संबंध है, जो हितों की पारस्परिकता पर आधारित है। बहुध्रुवीय विश्व में सभी देशों को चुनने की स्वतंत्रता है। हर किसी के लिए ऐसी वास्तविकताओं के प्रति सचेत रहना और उनकी सराहना करना आवश्यक है।"

भारतीय विदेश मंत्रालय की यह टिप्पणी मंगलवार को कांग्रेस की बजट सुनवाई में अमेरिकी दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू द्वारा यह कहे जाने के बाद आई है कि बाइडन प्रशासन भारतीय प्रधानमंत्री की रूस यात्रा से "निराश" हैं।

सुनवाई के दौरान लू ने अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से कहा, "मैं प्रधानमंत्री मोदी की मास्को यात्रा के प्रतीकात्मकता और निर्णय में दी गई प्रतिक्रिया के समय के बारे में हमारी निराशा के बारे में आपसे पूरी तरह सहमत नहीं हो सकता। हम अपने भारतीय मित्रों के साथ गंभीर एवं जटिल बातचीत कर रहे हैं।"

लू ने आगे कहा कि वाशिंगटन रक्षा और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों सहित मास्को में मोदी-पुतिन बैठक के परिणामों को "बहुत सावधानी से" देख रहा है।
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