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21 तोपों की सलामी से स्वतंत्रता दिवस का पूर्वाभ्यास शुरू

स्वतंत्रता दिवस पर जब राष्ट्रध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी तो उसमें भारत के रक्षा उद्योग का गर्व भी निहित होगा।
Sputnik
ब्रिटिश काल की निशानी 25 पाउंडर तोपों के बजाए ये सलामी स्वदेशी 105 मिमी कैलिबर की लाइट फील्ड गन(LFG) से दी जाएगी। पिछली वर्ष पहली बार इन तोपों को स्वतंत्रता दिवस पर सलामी के लिए प्रयोग किया गया था।
15 अगस्त को लाल किले पर सलामी के लिए उपयोग की जाने वाली 105 मिमी LFG और इसके एक अन्य संस्करण इंडियन फील्ड गन (IFG) तोपों की संख्या अभी भी भारतीय सेना में सबसे अधिक है।
इनका उत्पादन 1978 से आरंभ हुआ था और तब से ये तोपें भारतीय सेना की सबसे पसंदीदा तोपें हैं। इंडियन फील्ड गन का वज़न 3.5 टन से भी कम है और लाइट फील्ड गन का वज़न 2.5 टन है।
इतने कम वज़न के साथ इन्हें दूरदराज़ के इलाक़ों या पहाड़ों में ले जाकर नियुक्त करना आसान है। 2022 में भारतीय सेना ने स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देने के लिए पहली बार एक स्वदेशी 155 मिमी की एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम यानि ATAGS का भी उपयोग किया था।
21 तोपों से सलामी देने का रिवाज़ पुरानी सैनिक परंपरा है। हर देश में सम्मानित अतिथियों के आने पर उन्हें तोपों से सलामी दी जाती है।
भारत में हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी जाती है। राष्ट्रीय ध्वज के फहराते ही राष्ट्रगान शुरू होता है और उसी के साथ तोपों को दागना शुरू कर दिया जाता है। भारतीय राष्ट्रगान 52 सेकंड तक चलता है उसी के अनुरूप इन सभी तोपों को 52 सेकंड की समयावधि में दाग दिया जाता है।
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