पुरी ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के कारण रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों ने रूस द्वारा अपने कच्चे तेल के लिए वसूले जाने वाले मूल्य को सीमित कर दिया है तथा भारत किसी से भी न्यूनतम मूल्य पर तेल और गैस खरीदने के लिए तैयार है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "यदि कोई संस्था प्रतिबंधों के अधीन नहीं है, तो इसमें कोई संदेह नहीं है कि मैं सबसे सस्ते आपूर्तिकर्ता से खरीदूंगा। यूरोपीय देश और जापानी व्यवसायी भी रूस से खरीदारी कर रहे हैं, अतः भारत अकेला नहीं है।"
भारत विश्व के सबसे बड़े ऊर्जा उपभोक्ताओं में से एक है, जो अपनी तेल आवश्यकताओं का 88% आयात करता है, और पुरी को आशा है कि प्राकृतिक गैस और नवीकरणीय ऊर्जा के बढ़ते उपयोग के साथ ऊर्जा का उपयोग भी बढ़ेगा।
ज्ञात है कि भारत की वार्षिक शोधन क्षमता लगभग 252 मिलियन मीट्रिक टन या 5.04 मिलियन बैरल प्रति दिन (BPD) है और वह इसे बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर मूल्य का कच्चा तेल खरीदा, जो चीन के बाद दूसरे स्थान पर है, जो रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक बना हुआ है।