प्रधानमंत्री मोदी ने रूस की अपनी हालिया यात्राओं और राष्ट्रपति पुतिन के साथ अपनी बैठकों के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए जा रहे निरंतर और संयुक्त प्रयासों का स्वागत किया ताकि भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत किया जा सके।
इस दौरान दोनों नेताओं ने व्यापार, ऊर्जा और कनेक्टिविटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा की।
मंच पर अपने स्वागत भाषण में प्रथम उप प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार संबंधों, उत्पादन और तकनीकी सहयोग को विकसित करने का मुख्य व्यावहारिक कार्य बिजनेस के कंधों पर है।
मंटुरोव ने कहा, "इसका एक वस्तुपरक सूचक आपसी कारोबार की वह रिकॉर्ड मात्रा है जो हमने पिछले वर्ष प्राप्त की। और इस वर्ष इस उपलब्धि को पार करने के लिए सभी आवश्यक शर्तें उपलब्ध हैं। साथ ही, आपसी व्यापार की मात्रात्मक वृद्धि के अलावा, इसकी संरचना में विविधता लाना भी हमारे लिए न केवल कमोडिटी प्रवाह को संतुलित करने के लिए, बल्कि गैर-कच्चे माल, उच्च तकनीक वाले उत्पादों की भागेदारी बढ़ाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। इसके लिए परिस्थितियां दो राष्ट्रीय कार्यक्रमों द्वारा बनाई गई हैं, जो भावना में समान हैं।"
आगे उन्होंने कहा, "मेरा मतलब रूस की सरकार और मेक इन इंडिया कार्यक्रम द्वारा अपनाई गई तकनीकी संप्रभुता की दिशा में उठाए गए कदम से है। इन दोनों पहलों का उद्देश्य उत्पादन की गति को तेज करना, नवाचारों को विकसित करना और बुनियादी ढांचे की बाधाओं को दूर करना है।"