जयशंकर ने गुरुवार को एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित भारत @100 कार्यक्रम में कहा कि भारत रूस से तेल, कोयला, उर्वरक आदि का आयात करता रहा है जो एक दीर्घकालिक बदलाव है। प्राकृतिक संसाधनों के मामले में रूस भारत के स्वाभाविक साझेदार हैं।
जयशंकर ने कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था अभी चार ट्रिलियन डॉलर से कम है और विकास दर 8 प्रतिशत है। हमें अपने विकास को बनाये रखने के लिए अभी लम्बे समय तक प्राकृतिक संसाधन की जरूरत है।"
विदेश मंत्री ने आगे कहा, "रूसी नेतृत्व से बातचीत जारी है कि हम अच्छे ग्राहक हैं और हमें रूसी अर्थव्यवस्था तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता है।" उन्होंने उम्मीद व्यक्त किया कि हम इस मामले में प्रगति करेंगे।
इसके अलावा जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौता के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हर देश में, आप एमएसएमई की किस तरह देखभाल करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अर्थव्यवस्था की किस तरह देखभाल करते हैं। बड़ी कंपनियों के अपने हित होंगे और यह वैध है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह एमएसएमई पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करे।"
जयशंकर ने कहा कि विश्व की भारत में रुचि है और विश्व में यह भावना है कि वे भारत आएंगे।