https://hindi.sputniknews.in/20241205/jaishankar-calls-for-wider-access-for-indian-products-to-russian-markets-8500568.html
जयशंकर ने रूसी बाजारों में भारतीय उत्पादों की व्यापक पहुंच का किया आह्वान
जयशंकर ने रूसी बाजारों में भारतीय उत्पादों की व्यापक पहुंच का किया आह्वान
Sputnik भारत
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, पिछले दो वर्षों में क्या हुआ है, लोग आमतौर पर जानते हैं कि हम रूस से अधिक तेल आयात कर रहे हैं
2024-12-05T16:04+0530
2024-12-05T16:04+0530
2024-12-05T16:04+0530
राजनीति
भारत
भारत सरकार
भारत का विकास
उत्पादन
सकल घरेलू उत्पाद
तेल उत्पादन
विदेश मंत्रालय
भारत का विदेश मंत्रालय (mea)
एस. जयशंकर
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/1e/336093_0:183:2989:1864_1920x0_80_0_0_97deecfed9e6deb18325c553b004a7f2.jpg
जयशंकर ने गुरुवार को एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित भारत @100 कार्यक्रम में कहा कि भारत रूस से तेल, कोयला, उर्वरक आदि का आयात करता रहा है जो एक दीर्घकालिक बदलाव है। प्राकृतिक संसाधनों के मामले में रूस भारत के स्वाभाविक साझेदार हैं।विदेश मंत्री ने आगे कहा, "रूसी नेतृत्व से बातचीत जारी है कि हम अच्छे ग्राहक हैं और हमें रूसी अर्थव्यवस्था तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता है।" उन्होंने उम्मीद व्यक्त किया कि हम इस मामले में प्रगति करेंगे।इसके अलावा जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौता के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हर देश में, आप एमएसएमई की किस तरह देखभाल करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अर्थव्यवस्था की किस तरह देखभाल करते हैं। बड़ी कंपनियों के अपने हित होंगे और यह वैध है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह एमएसएमई पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करे।"
https://hindi.sputniknews.in/20241204/everything-in-the-east-is-now-better-than-everything-in-the-west-putin-8494822.html
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/1e/336093_130:0:2859:2047_1920x0_80_0_0_c2ee84c1fe06917a81c363e060fa474b.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
रूस से तेल आयात, रूस से कोयला, रूस से आयात, रूस से उर्वरक आयात, प्राकृतिक संसाधन, भारत के स्वाभाविक साझेदार, एसोचैम में जयशंकर ने कहा, रूसी अर्थव्यवस्था तक पहुंच, एमएसएमई पर ध्यान, रूसी नेतृत्व से बातचीत
रूस से तेल आयात, रूस से कोयला, रूस से आयात, रूस से उर्वरक आयात, प्राकृतिक संसाधन, भारत के स्वाभाविक साझेदार, एसोचैम में जयशंकर ने कहा, रूसी अर्थव्यवस्था तक पहुंच, एमएसएमई पर ध्यान, रूसी नेतृत्व से बातचीत
जयशंकर ने रूसी बाजारों में भारतीय उत्पादों की व्यापक पहुंच का किया आह्वान
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, पिछले दो वर्षों में क्या हुआ है, लोग आमतौर पर जानते हैं कि हम रूस से अधिक तेल आयात कर रहे हैं बल्कि अन्य प्राकृतिक संसाधनों का आयात भी कर रहे हैं।
जयशंकर ने गुरुवार को एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) द्वारा आयोजित भारत @100 कार्यक्रम में कहा कि भारत रूस से तेल, कोयला, उर्वरक आदि का आयात करता रहा है जो एक दीर्घकालिक बदलाव है। प्राकृतिक संसाधनों के मामले में रूस भारत के स्वाभाविक साझेदार हैं।
जयशंकर ने कहा, "भारत की अर्थव्यवस्था अभी चार ट्रिलियन डॉलर से कम है और विकास दर 8 प्रतिशत है। हमें अपने विकास को बनाये रखने के लिए अभी लम्बे समय तक प्राकृतिक संसाधन की जरूरत है।"
विदेश मंत्री ने आगे कहा, "
रूसी नेतृत्व से बातचीत जारी है कि हम अच्छे ग्राहक हैं और हमें रूसी अर्थव्यवस्था तक बेहतर पहुंच की आवश्यकता है।" उन्होंने उम्मीद व्यक्त किया कि हम इस मामले में प्रगति करेंगे।
इसके अलावा जयशंकर ने मुक्त व्यापार समझौता के प्रभाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "हर देश में, आप एमएसएमई की किस तरह देखभाल करते हैं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप अर्थव्यवस्था की किस तरह देखभाल करते हैं। बड़ी कंपनियों के अपने हित होंगे और यह वैध है, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह एमएसएमई पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित करे।"
जयशंकर ने कहा कि विश्व की भारत में रुचि है और विश्व में यह भावना है कि वे भारत आएंगे।