गुरुवार को अमेरिकी पत्रकार टकर कार्लसन के साथ साक्षात्कार में लवरोव ने रेखांकित किया कि अमेरिका सहित कई पश्चिमी देशों ने रूस के सुरक्षा हितों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया जब उन्होंने रूस के लिए सुरक्षा गारंटी पर संधि करने का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। इस संधि में कई शर्तें शामिल थीं — पूर्वी यूरोप में नाटो के विस्तार पर रोक से लेकर यूक्रेन के निष्पक्ष बने रहने तक।
लवरोव ने कहा, "निःसंदेह हम किसी भी गलतफहमी से बचना चाहेंगे। लेकिन चूंकि लंदन और ब्रुसेल्स में कुछ व्यक्तियों को स्थिति का पूरी तरह से सही आकलन नहीं है, इसलिए यदि वे आवश्यक निष्कर्ष नहीं निकालते हैं तो हम अतिरिक्त "संदेश" भेजने के लिए तैयार हैं। हम किसी की जनसंख्या को विनाश करने की बात नहीं कर रहे हैं। हमने यह युद्ध शुरू नहीं किया।"
साथ ही उन्होंने कहा, कई वर्षों से हम चेतावनी देते रहे हैं कि नाटो के पूर्व की तरफ विस्तार समस्या उत्पन्न करेगा। व्लादिमीर पुतिन वर्षों से अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर "इतिहास के अंत" और अपने "प्रभुत्व" का सपना देखने वाले लोगों को समझाते रहे हैं। जब यूक्रेन में तख्तापलट हुआ तो अमेरिकियों ने यह बात नहीं छिपाई कि वे इसके पीछे थे। रूस का यूक्रेनी लोगों को नष्ट करने का कोई इरादा नहीं है। वे रूसी लोगों के भाई-बहन हैं।
इसके बाद कार्लसन ने लवरोव से सवाल किया कि रूस किन परिस्थितियों में सैन्य कार्रवाई बंद करेगा, जिस पर लवरोव ने कहा, "दस साल पहले, फरवरी 2014 में, हमने यूक्रेनी राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच और विपक्ष के बीच राष्ट्रीय एकता के लिए यूक्रेन में नई सरकार के गठन और शीघ्र चुनाव कराने के समझौते को लागू करने की जरूरतों पर बात की थी। लेकिन जिन लोगों ने तख्तापलट किया वे बिल्कुल बेसब्र और आक्रामक थे।"
लवरोव ने समझाया, "हमने देखा कि मिन्स्क समझौतों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया। हमने डोनबास के एक हिस्से पर बलपूर्वक कब्ज़ा करने के प्रयास भी देखे। जब यूक्रेन और उसके प्रायोजकों ने डोनबास के इस हिस्से पर बलपूर्वक कब्ज़ा करने की कोशिश करते हुए प्लान बी शुरू किया, तो हमने विशेष सैन्य अभियान शुरू किया।"
विदेश मंत्री ने आगे कहा, "जब हमने विशेष सैन्य अभियान शुरू किया तो यूक्रेनियों ने बातचीत का प्रस्ताव रखा। हम सहमत हो गए। बेलारूस और इस्तांबुल में कई दौर की बातचीत हुई। तुर्की में यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडल ने एक दस्तावेज पेश किया, जिसके आधार पर वे बातचीत के लिए तैयार थे। हम उनसे सहमत हुए।"
निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रम्प के बारे में पूछे जाने पर लवरोव ने कहा, मेरा मानना है कि ट्रम्प एक मजबूत व्यक्ति हैं जो परिणाम हासिल करना चाहते हैं और चीजों को टालना पसंद नहीं करते। हालांकि, इसका मतलब यह कतई नहीं है कि डॉनल्ड ट्रम्प रूस समर्थक हैं। कुछ लोग उन्हें इसी रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ट्रम्प प्रशासन के समय रूस के खिलाफ लगाए गए प्रतिबंधों की संख्या बहुत बड़ी थी।"
लवरोव ने साथ ही कहा, "रूस मतदान के दौरान लोगों द्वारा लिए गए किसी भी निर्णय का सम्मान करता है। हम अमेरिकी लोगों की पसंद का सम्मान करते हैं। जैसा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा, हम मौजूदा प्रशासन के साथ संपर्क के लिए तैयार हैं। जब डॉनल्ड ट्रम्प पदभार ग्रहण करेंगे तो हम सब कुछ देखेंगे। जैसा कि व्लादिमीर पुतिन ने कहा, "गेंद अब उनके पाले में है।" हमने कभी भी आर्थिक, व्यापार, सुरक्षा आदि के क्षेत्र में अपने संपर्कों, संबंधों को बाधित नहीं किया है।"
टकर कार्लसन द्वारा संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के एक दूसरे के साथ संघर्ष में होने के बारे में पूछे जाने पर रूसी विदेश मंत्री लवरोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बार-बार अमेरिकी लोगों, अमेरिकी इतिहास, दुनिया में अमेरिकी उपलब्धियों के लिए अपना सम्मान व्यक्त किया है, और रूस को कोई कारण नहीं दिखता कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका "ब्रह्मांड की खातिर" सहयोग क्यों नहीं कर सकते।
लवरोव ने कहा, "मैं ऐसा नहीं कहूंगा। और किसी भी मामले में, यह वह नहीं है जो हम चाहते हैं। हम अपने सभी पड़ोसियों के साथ सामान्य संबंध रखना चाहेंगे, बेशक, लेकिन आम तौर पर सभी देशों के साथ, खासकर संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे महान देश के साथ।"
पत्रकार कार्लसन द्वारा विदेश मंत्री लवरोव से संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा एक संघर्ष को वित्तपोषित करने और रूस पर हमलों की अनुमति देने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि रूस स्थिति को और खराब नहीं करना चाहता, चूंकि ATACMS और अन्य लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल मुख्य भूमि रूस के खिलाफ किया जा रहा है, इसलिए रूस संकेत भेज रहा है।
विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा, "ठीक है, हम आधिकारिक तौर पर युद्ध में नहीं हैं। लेकिन यूक्रेन में जो चल रहा है, उसे कुछ लोग हाइब्रिड युद्ध कहते हैं। मैं इसे हाइब्रिड युद्ध भी कहूंगा, लेकिन यह स्पष्ट है कि यूक्रेनियन अमेरिकी सैनिकों की प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना लंबी दूरी के आधुनिक हथियारों के साथ ऐसा नहीं कर पाएंगे। और यह खतरनाक है, इसमें कोई संदेह नहीं है। हमें उम्मीद है कि पिछले कुछ हफ़्ते पहले, ओरेशनिक नामक नई हथियार प्रणाली के साथ संकेत को गंभीरता से लिया गया होगा।"