भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच यह अनूठा संबंध है जिसमें दोनों सेनाध्यक्ष एक-दूसरे की सेना के मानद जनरल भी होते हैं।
भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नवंबर में उनकी नेपाल यात्रा में नेपाली सेना के जनरल का मानद रैंक दिया गया था।
यह परंपरा 70 वर्ष से भी ज्यादा पुरानी है और दोनों देशों की सेनाओं के बीच गहरे सहयोग को दर्शाती है।
समारोह में जनरल सिगदेल को भारतीय सेना की वर्दी पहनाई गई और उनके रैंक प्लेट बदले गए। जनरल सिगदेल ने भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह से भी भेंट की।
भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने घनिष्ट सांस्कृतिक, धार्मिक और सैनिक संबंध हैं। 200 साल से भी ज्यादा समय से भारतीय सेना में नेपाल के सैनिक भर्ती होते हैं और प्रतिष्ठित गोरखा राइफल्स रेजिमेंट का हिस्सा बनते हैं। उत्तरी भारत में नेपाल सीमा के पास भारतीय सेना के कई भर्ती केंद्र हैं जहां नेपाली युवाओं की भर्ती की जाती है।
गोरखा राइफल्स की सात रेजिमेंट के अलावा कई अन्य रेजिमेंट्स और अर्धसैनिक बलों में भी नेपाली युवा भर्ती होते हैं। नेपाली युवा भारतीय सेना में अधिकारी के तौर पर भी भर्ती होते हैं। दोनों सेनाएं प्रति वर्ष साझा अभ्यास सूर्यकिरण करती हैं जिसमें सैनिकों को एक-दूसरे के काम करने के तरीक़े और रणनीति को समझने में मदद मिलती है।