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अत्याधुनिक फ्रिगेट तुशिल भारतीय नौसेना में शामिल, राजनाथ सिंह ने की रूस-भारत सहयोग की तारीफ
अत्याधुनिक फ्रिगेट तुशिल भारतीय नौसेना में शामिल, राजनाथ सिंह ने की रूस-भारत सहयोग की तारीफ
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रूस में नवनिर्मित स्टेल्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल को भारतीय नौसेना में शामिल करते हुए भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस युद्धपोत को भारत की बढ़ती हुई समुद्री शक्ति का गौरवपूर्ण प्रमाण और रूस के साथ दीर्घकालीन संबंधों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।
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रक्षामंत्री की मौजूदगी में इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है और यह पूरी तरह से कार्रवाई के लिए तैयार स्थिति में भारत आएगा। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण पश्चिमी कमान में तैनात होगा जिसकी ज़िम्मेदारी हिंद महासागर के साथ-साथ व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण अरब सागर में सुरक्षा प्रदान करना है। इस समारोह में रूसी उप रक्षामंत्री वासिलीविच फोमिन, रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल अलेक्ज़ेंडर एलेक्सेयेविच मोइसेयेव और भारतीय नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण पर रूस के समर्थन को दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का एक और उदाहरण बताया। इस क्लास के दो युद्धपोतों का निर्माण रूस में और दो का भारत में हो रहा है। इस क्लास के दूसरे युद्धपोत तमाल का निर्माण लगभग पूरा हो गया है और संभावना है कि अगले तीन महीने में वह भी भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएगा। भारत और रूस के गहरे संबंधों पर प्रकाश डालते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच समग्र रूप से बढ़ते संंबंधों के तहत तकनीकी और परिचालन सहयोग लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। आईएनएस तुशिल उन्नत क्रिवाक तीसरी श्रेणी का फ्रिगेट है और इस तरह के 6 फ्रिगेट पहले ही भारतीय नौसेना में तैनात हैं। यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल से लैस है जो दुश्मन के युद्धपोतों या ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने का मुख्य हथियार है। इसमें हवाई सुरक्षा के लिए श्टिल मिसाइल, मध्यम रेंज की एंटी एयर गन, ऑप्टिकली नियंत्रित क्लोज़ रेंज रैपिड फ़ायर गन सिस्टम, एंटी सबमरीन टॉरपीडो और रॉकेट्स के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर के सिस्टम लगाए गए हैं। इसमें कामोव 28 और कामोव 31 हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं और यह 30 नॉट से अधिक की गति से चल सकता है।
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भारतीय नौसेना, स्टेल्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल, हिंद महासागर, रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल अलेक्ज़ेंडर एलेक्सेयेविच मोइसेयेव, आईएनएस तुशिल, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह
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अत्याधुनिक फ्रिगेट तुशिल भारतीय नौसेना में शामिल, राजनाथ सिंह ने की रूस-भारत सहयोग की तारीफ
रूस के कलिनिनग्राद के यांतर शिपयार्ड में नवनिर्मित स्टेल्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशिल को भारतीय नौसेना में शामिल करते हुए भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने इस युद्धपोत को भारत की बढ़ती हुई समुद्री शक्ति का गौरवपूर्ण प्रमाण और रूस के साथ दीर्घकालीन संबंधों में महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया है।
रक्षामंत्री की मौजूदगी में इस युद्धपोत को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है और यह पूरी तरह से कार्रवाई के लिए तैयार स्थिति में भारत आएगा। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना की महत्वपूर्ण पश्चिमी कमान में तैनात होगा जिसकी ज़िम्मेदारी हिंद महासागर के साथ-साथ व्यापारिक रूप से महत्वपूर्ण अरब सागर में सुरक्षा प्रदान करना है।
इस समारोह में रूसी उप रक्षामंत्री वासिलीविच फोमिन, रूसी नौसेना के कमांडर-इन-चीफ एडमिरल अलेक्ज़ेंडर एलेक्सेयेविच मोइसेयेव और भारतीय नौसेनाध्यक्ष एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी उपस्थित थे। राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण पर रूस के समर्थन को दोनों देशों के बीच गहरी मित्रता का एक और उदाहरण बताया।
उन्होंने कहा, "आईएनएस तुशिल सहित कई युद्धपोतों में भारत निर्मित सामग्री लगातार बढ़ रही है। यह युद्धपोत रूसी और भारतीय उद्योगों की सहयोगी क्षमता का बड़ा सबूत है और संयुक्त कौशल के माध्यम से तकनीकी उत्कृष्टता की ओर भारत की यात्रा का उदाहरण है।"
इस क्लास के दो युद्धपोतों का निर्माण रूस में और दो का भारत में हो रहा है। इस क्लास के दूसरे युद्धपोत तमाल का निर्माण लगभग पूरा हो गया है और संभावना है कि अगले तीन महीने में वह भी भारतीय नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएगा।
भारत और रूस के गहरे संबंधों पर प्रकाश डालते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के नेतृत्व में दोनों देशों के बीच समग्र रूप से बढ़ते संंबंधों के तहत तकनीकी और परिचालन सहयोग लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
उन्होंने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डकैतियों, ड्रग तस्करों और आतंकवादियों से निपटने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना की। रक्षामंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि भविष्य में भारत और रूस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, अंतरिक्ष अन्वेषण और आतंकवाद-रोधी जैसे नए क्षेत्रों में एक-दूसरे की विशेषज्ञता का लाभ उठाकर सहयोग के एक नए युग में प्रवेश करेंगे।
आईएनएस तुशिल उन्नत क्रिवाक तीसरी श्रेणी का फ्रिगेट है और इस तरह के 6 फ्रिगेट पहले ही भारतीय नौसेना में तैनात हैं। यह युद्धपोत ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल से लैस है जो दुश्मन के युद्धपोतों या ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने का मुख्य हथियार है।
इसमें हवाई सुरक्षा के लिए श्टिल मिसाइल, मध्यम रेंज की एंटी एयर गन, ऑप्टिकली नियंत्रित क्लोज़ रेंज रैपिड फ़ायर गन सिस्टम, एंटी सबमरीन टॉरपीडो और रॉकेट्स के अलावा इलेक्ट्रॉनिक वारफ़ेयर के सिस्टम लगाए गए हैं। इसमें कामोव 28 और कामोव 31 हेलीकॉप्टर तैनात किए जा सकते हैं और यह 30 नॉट से अधिक की गति से चल सकता है।