रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उत्पादन HAL की नाशिक में स्थित फैक्टरी में किया जाएगा और इसमें स्वदेशीकरण का हिस्सा 62.6 प्रतिशत होगा।
भारतीय वायुसेना में इस समय सबसे ज्यादा तादाद सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की ही है। दो सीटों और दो इंजिन वाला यह जेट 2 मैक की रफ्तार तक उड़ सकता है और एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है।
इसमें 12 अस्त्र लगाने की जगह है और यह कुल 8000 किलो वज़न के हथियार ले जा सकता है। यह मल्टी रोल है इसलिए इसमें हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने वाले अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।
दक्षिण भारत में तैनात इसकी दो स्क्वाड्रन को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया गया है।