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भारतीय वायुसेना को मिली नई शक्ति, 12 सुखोई-30 का सौदा
भारतीय वायुसेना को मिली नई शक्ति, 12 सुखोई-30 का सौदा
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भारत सरकार की सुरक्षा मामलों की केन्द्रीय मंत्रिमंडल की समिति यानि CCS ने बड़ा निर्णय लेते हुए 12 सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की खरीदी पर अपनी मोहर लगा दी है। 13500... 13.12.2024, Sputnik भारत
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रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उत्पादन HAL की नाशिक में स्थित फैक्टरी में किया जाएगा और इसमें स्वदेशीकरण का हिस्सा 62.6 प्रतिशत होगा। भारतीय वायुसेना में इस समय सबसे ज्यादा तादाद सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की ही है। दो सीटों और दो इंजिन वाला यह जेट 2 मैक की रफ्तार तक उड़ सकता है और एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। इसमें 12 अस्त्र लगाने की जगह है और यह कुल 8000 किलो वज़न के हथियार ले जा सकता है। यह मल्टी रोल है इसलिए इसमें हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने वाले अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।
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भारत, भारत सरकार, रूस , रक्षा मंत्रालय (mod), वायु रक्षा, भारतीय वायुसेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (hal), सुखोई-30mki , ब्रह्मोस
भारतीय वायुसेना को मिली नई शक्ति, 12 सुखोई-30 का सौदा
भारत सरकार की सुरक्षा मामलों की केन्द्रीय मंत्रिमंडल की समिति यानि CCS ने बड़ा निर्णय लेते हुए 12 सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की खरीदी पर अपनी मोहर लगा दी है। 13500 करोड़ रुपए के इस सौदे के तहत रूस से लाइसेंस के अंतर्गत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में इन फ़ाइटर जेट्स का उत्पादन होगा।
रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उत्पादन HAL की नाशिक में स्थित फैक्टरी में किया जाएगा और इसमें स्वदेशीकरण का हिस्सा 62.6 प्रतिशत होगा।
इस फैक्टरी में पहले मिग और उसके बाद रूस से लाइसेंस के तहत सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स का उत्पादन हो चुका है। भारत ने 1990 के दशक में रूस के साथ 272 सुखोई-30 फ़ाइटर जेट का सौदा किया था जिनमें से कुछ पूरी तरह तैयार स्थिति में आने थे और बाकी का उत्पादन भारत में HAL को करना था। इन 272 सुखोई-30 से अब 259 शेष बचे हैं। इसी कमी को पूरा करने के लिए 12 अतिरिक्त सुखोई-30 जेट का सौदा किया गया है।
भारतीय वायुसेना में इस समय सबसे ज्यादा तादाद सुखोई-30 फ़ाइटर जेट्स की ही है। दो सीटों और दो इंजिन वाला यह जेट 2 मैक की रफ्तार तक उड़ सकता है और एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है।
इसमें 12 अस्त्र लगाने की जगह है और यह कुल 8000 किलो वज़न के हथियार ले जा सकता है। यह मल्टी रोल है इसलिए इसमें हवा से हवा और हवा से ज़मीन पर मार करने वाले अलग-अलग हथियार लगाए जा सकते हैं।
दक्षिण भारत में तैनात इसकी दो स्क्वाड्रन को ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस किया गया है।