14 दिन तक चलने वाले सूर्यकिरण अभ्यास में जंगल और पहाड़ों में आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाइयों के दांव-पेंच सीखे जा रहे हैं। भारतीय सेना की 11वीं गोरखा राइफल्स के जवान इस अभ्यास में शामिल हैं।
भारतीय सेना ने बताया है कि यह अभ्यास एक-दूसरे से कार्रवाई करने के तरीक़े सीखने और अपने रणकौशल को निखारने का मौका दे रहा है। इस अभ्यास के खासतौर पर घने जंगलों और पहाड़ी इलाक़े में किया जा रहा है जहां आतंकवादियों के विरुद्ध कार्रवाई करना चुनौतीपूर्ण होता है।
इस अभ्यास में दोनों देशों के सैनिक कठिन कॉम्बेट ड्रिल कर रहे हैं जिसमें जंगलों में जीवित रहने, घायलों का प्राथमिक उपचार, एंबुश लगाने के तरीक़े, हेलीकॉप्टर से कार्रवाई करने और तुरंत जवाबी कार्रवाई करने की अपनी योग्यता को परख रहे हैं।
भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने गहरे सैनिक संबंध हैं। भारतीय सेना में हर साल सैकड़ों गोरखा युवा भर्ती होते हैं। भारत और नेपाल के सेनाध्यक्ष एक-दूसरे की सेनाओं में मानद जनरल का रैंक भी धारण करते हैं। भारतीय सेना में गोरखा युवाओं से बनी गोरखा राइफल्स की सात रेजिमेंट हैं।