मंत्रालय के एक बयान में कहा गया, "कांडला बंदरगाह पर नई मेगा शिपबिल्डिंग सुविधा देश में बहुत बड़े कच्चे माल के वाहक (VLCC) या 320,000 टन डेडवेट टनेज (DWT) तक की क्षमता वाले समान श्रेणी के जहाजों के निर्माण के लिए तकनीकी क्षमता विकसित करेगी।"
मंत्रालय ने कहा, "नया बंदरगाह आधुनिक कार्गो हैंडलिंग उपकरणों और अधिक कुशल निकासी प्रणालियों के साथ ड्राई बल्क कार्गो को संभालने वाले सभी वर्तमान कार्गो जेटी को संभालेगा। इससे कांडला को लिक्विड जेटी में परिवर्तित करने की अनुमति मिलेगी, जिससे लिक्विड कार्गो को संभालने की अपार संभावनाएं बनेगी। इससे लिक्विड टैंकर जहाजों के प्रतीक्षा समय में काफी सुधार होगा और लिक्विड जहाजों के टर्नअराउंड समय में भी सुधार होगा।"
सोनोवाल ने कहा, "बंदरगाह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण केंद्र हैं, जो विकास का समर्थन करने और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण लिंक के रूप में कार्य करते हैं। हमारी बढ़ती महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बंदरगाह के बुनियादी ढांचे में क्षमता बढ़ाना आवश्यक है।"