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शांति के लिए हर प्रयास का समर्थन करूंगा: पीएम मोदी रूस-यूक्रेन सहित अन्य संघर्षों पर

भारतीय उद्यमी और जीरोधा कंपनी के सह-संस्थापक निखिल कामथ द्वारा आयोजित पॉडकास्ट 'पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई अलग-अलग मुद्दों पर खुलकर बात की जिसमें उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिन की भारत यात्रा के बारे में भी बताया।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने पहले पॉडकास्ट शो में कहा कि दुनिया में शांति के लिए जो भी किया जाएगा वह उसका समर्थन करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, "दुनिया हम पर भरोसा करती है, क्योंकि हममें कोई दोगलापन नहीं है, हम जो भी कहते हैं, साफ-साफ कहते हैं। संकट के इस दौर में भी हमने बार-बार कहा है कि हम तटस्थ नहीं हैं। मैं शांति के पक्ष में हूं और इसके लिए जो भी प्रयास किए जाएंगे, मैं उनका समर्थन करूंगा। मैं यह बात रूस, यूक्रेन, ईरान, फ़िलस्तीन और इज़राइल से कहता हूं। उन्हें मुझ पर भरोसा है कि मैं जो कह रहा हूं, वह सही है।"

इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने 2002 के गोधरा दंगों और 2005 में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा वीजा देने से इनकार करने जैसे कई विवादास्पद विषयों पर बात की। उन्होंने बताया कि अमेरिका द्वारा वीजा देने से मना करने के बाद मैंने यह कहा था कि मैं एक ऐसा भारत देखता हूं, जहां के वीजा के लिए दुनिया कतार में खड़ी होगी।

पीएम मोदी ने कहा, "मैं सार्वजनिक रूप से कहा करता था - 'आपको भारत वापस न आने का पछतावा होगा, युग बदलने वाला है।' मैं तब विधायक था, जब अमेरिकी सरकार ने मुझे वीजा देने से इनकार कर दिया था। एक व्यक्ति के तौर पर, अमेरिका जाना कोई बड़ी बात नहीं थी, मैं पहले भी गया था; लेकिन मुझे एक चुनी हुई सरकार और देश का अपमान महसूस हुआ, और मेरे मन में दुविधा थी। वह मेरा 2005 का बयान था और आज हम 2025 में खड़े हैं। इसलिए, मैं कह सकता हूं कि अब समय भारत का है।"

गोधरा दंगों के बारे में उद्यमी निखिल कामथ से बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब उन्होंने वह दर्दनाक दृश्य देखा तो उन्हें सब कुछ महसूस हुआ लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने का हर संभव प्रयास किया।
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