भारतीय थलसेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने अपनी वार्षिक प्रेस वार्ता के दौरान Sputnik India के प्रश्न के उत्तर में बताया कि पिनाका के रॉकेट्स की रेंज बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है।
जनरल द्विवेदी ने कहा, "अभी हम यह विचार कर रहे हैं कि अगर इसका एम्युशन हमें बढ़ी हुई रेंज दे सकता है तो हमें किसी अन्य विकल्प की आवश्यकता ही नहीं है। अगर हमें इसमें अच्छी रेंज मिल जाती है तो दूसरे लंबी दूरी के हथियारों के बजाए हम पिनाका पर ही ध्यान देंगे।"
उन्होंने इस बात को साफ़ नहीं किया कि भारत भविष्य में पिनाका की कितनी रेजिमेंट बनाएगा, हालांकि भविष्य में पिनाका की रेजिमेंट्स को बढ़ाकर 22 तक करने की योजना है। सेना के सूत्रों के मुताबिक इस रॉकेट की रेंज को बढ़ाकर 120 किमी तक किया जाएगा जिससे पिनाका रॉकेट लॉन्चर, स्मर्च की 90 किलोमीटर की मारक क्षमता से अधिक दूरी पर भी घातक हथियार बन जाएगा।
सेनाध्यक्ष ने यह भी बताया कि 155 मिमी कैलिबर की स्वदेशी तोप Advanced Towed Artillery Gun System (ATAGS) की खरीदी की प्रक्रिया इस मार्च तक पूरी हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "हम 307 ATAGS तोपों के लिए 8000 करोड़ के सौदे पर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक हस्ताक्षर कर लेंगे। माउंटेड गन सिस्टम (MGS) के परीक्षणों का नतीजा भी 2026 तक आ जाएगा।"
ATAGS स्वदेशी तोप है जिसकी मारक क्षमता 45 किमी तक होने का दावा किया जाता है। इन्हीं तोपों को ट्रक में लगाकर MGS बनाने के प्रयास चल रहे हैं।
जनरल द्विवेदी ने यह जानकारी भी दी कि 100 अतिरिक्त बख्तरबंद सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी के-9 वज्र के सौदे पर इस साल के अंत तक हस्ताक्षर हो जाएंगे। अभी भारतीय सेना में 100 के-9 वज्र हैं जिन्हें रेगिस्तानी और मैदानी इलाक़ों के अलावा लद्दाख के ऊंचे इलाक़ों में भी तैनात किया गया है।