भारत-रूस संबंध
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भारत और रूस के बीच पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम के स्थानीय उत्पादन के लिए बातचीत: BDL

11 नवंबर को BDL ने रूसी हथियार निर्यात एजेंसी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम के भारत में उत्पादन के बारे में मेमोरंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर हस्ताक्षर किए थे।
Sputnik
भारत में रूसी एयर डिफेंस सिस्टम पांत्सिर का जल्द ही उत्पादन शुरू हो सकता है। भारत डाइनामिक्स लिमिटेड (BDL) के अध्यक्ष और महानिदेशक(CMD) कोमोडोर ए माधवराव ने Sputnik इंडिया से विशेष बातचीत में कहा कि रूस से पांत्सिर के उत्पादन के बारे में बातचीत सही दिशा में चल रही है।
पांत्सिर एयर डिफेंस सिस्टम कम दूरी पर हवाई हमलों के लिए दोहरी सुरक्षा देता है। इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए ज़मीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल लगी होती है जिसकी रेंज 18 किमी तक होती है। मिसाइल के साथ ही इसमें 30 मिमी कैलिबर की दो ऑटोकैनन लगी होती है। ऑटोकैनन द्वारा हवा से आते हुए दुश्मन के हेलीकॉप्टर या ड्रोन को गिराया जा सकता है।
ऑटोकैनन कई तरह के राउंड फ़ायर कर सकती है जिसमें ट्रेसर से लेकर कवच भेदी गोलियां शामिल हैं। इस सिस्टम को किसी ट्रक पर लगाया जा सकता है और इसके लिए केवल तीन लोगों के क्रू की आवश्यकता होती है। एक ड्राइवर, एक टेक्नीशियन और एक गनर। गनर हमले के हिसाब से अपनी गोलियां तय कर सकता है।
पांत्सिर काफ़ी पास पहुंच चुके हुए हवाई हमले को रोकने में अत्यंत उपयोगी है। भारतीय सेनाएं हवाई हमलों से सुरक्षा के लिए लंबे अरसे से रूसी मूल के एयर डिफेंस सिस्टम प्रयोग कर रही हैं।
भारतीय सेना के टैंक दस्ते ट्रैक पर चलने वाले तुंगुश्का और शिल्का एयर डिफेंस सिस्टम से लैस हैं। ये सिस्टम आगे बढ़ते हुए टैंकों को दुश्मन के हेलीकॉप्टर या ड्रोन हमले से सुरक्षा देते हैं।
भारत ने अपनी हवाई सुरक्षा को मज़बूत किया है। 400 किमी तक दुश्मन के हवाई हमले से सुरक्षा देने के लिए रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की पांच यूनिट्स का सौदा किया गया है जिनमें से 3 भारत आ चुकी हैं।
भारत-रूस संबंध
रूसी पांत्सिर सिस्टम को भारतीय सेना की जरूरतों के अनुरूप संशोधित किया जा सकता है: रक्षा सूत्र
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