ATAGS को DRDO ने डिज़ाइन किया है और कुल तोपों के 60 प्रतिशत का उत्पादन भारत फोर्ज और शेष 40 प्रतिशत टाटा एडवांस सिस्टम्स द्वारा किया जाएगा। Sputnik इंडिया ने सितंबर 2024 में बताया था कि इस वित्तीय वर्ष के समाप्त होने से पहले इस सौदे को सरकार मंजूरी दे देगी।
अलग-अलग गोलों के साथ इसकी मारक क्षमता 35 से 48 किमी तक होने का दावा किया गया है। भारत इस रेंज को रेमजेट प्रोपल्शन के सहारे 60 किमी से बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।
ATAGS को अपनी श्रेणी में सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली तोप माना जा रहा है। यह ऑल इलेक्ट्रिक ड्राइव टेक्नोलॉजी से लैस है जिससे यह लंबे समय तक बिना मरम्मत के काम कर सकती है।
भारत ने इसे 2022 में स्वतंत्रता दिवस समारोह में लाल किले पर राष्ट्रध्वज की सलामी देने वाली तोपों में शामिल किया था। ATAGS को पहले ही आर्मीनिया को निर्यात किया जा रहा है।
भारतीय सेना अपनी तोपों को आधुनिक बनाने का काम तेज़ी से कर रही है। भारतीय सेना ने अपनी तोपों के लिए पिछले दिसंबर में 100 सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी के-9 वज्र का सौदा किया था। इसी साल फरवरी में भारत ने स्वदेशी मल्टी बैरल रॉकेट सिस्टम पिनाका के लिए 10147 करोड़ रुपए में लंबी दूरी तक मार करने वाले रॉकेट खरीदने को मंज़ूरी दी है।
हाल के दिनों में दुनिया के कई हिस्सों में हुए संघर्षों से सबक लेते हुए भारतीय सेना तेज़ी से तोपों, रॉकेट लांचर, मिसाइलों और लॉइटरिंग म्यूनिशन की खरीदी कर रही है।