नाग मिसाइल सिस्टम को डीआरडीओ ने विकसित किया है और इसके परीक्षण सफल रहे हैं। इस सिस्टम को रूसी बख्तरबंद गाड़ी बीएमपी पर लगाकर तैयार किया गया नामिका दुश्मन टैंकों को 7 किमी से ज्यादा दूरी से नष्ट कर सकता है।
ट्रैक पर चलने के कारण नाग मिसाइल सिस्टम रेगिस्तान या ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर भी तेज़ी से चल सकता है। इसमें थर्मल इमेज़र और लेजर रेंज फ़ाइंडर लगा है जिससे निशाना लगाने में मदद मिलती है। नामिका परमाणु, जैविक और रासायनिक युद्ध के कवच से लैस है साथ ही पानी में 7 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है।
भारत और पाकिस्तान की सीमा पर पंजाब, राजस्थान, गुजरात के विशाल मैदान और रेगिस्तान हैं। यहां युद्ध का निर्णय अक्सर टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों की कार्रवाइयों पर होता है। इस मैदान में नामिका की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
रक्षा मंत्रालय ने फोर्स मोटर्स लिमिटेड और महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के साथ 5000 छोटी गाड़ियां बनाने का भी सौदा किया है। इन गाड़ियों में 8 से 10 सैनिक बैठ सकेंगे और इन्हें हर तरह के मैदान में तेज़ गति से चलाया जा सकेगा।
भारतीय सेना अलग-अलग इलाक़ों में सैनिकों के आवागमन के लिए अलग-अलग तरह की गाड़ियों का प्रयोग करती है। इन गाड़ियों का प्रयोग सीमा पर निगरानी के साथ-साथ आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में भी किया जाता है।