भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अल्जीरिया, ग्रीस, गुयाना, पनामा, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया के विदेश मंत्रियों से बात की। वर्तमान में ये सभी दो वर्ष के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य हैं।
विदेश मंत्रियों के साथ फोन पर बातचीत में जयशंकर ने आतंकवाद के प्रति भारत की "शून्य सहनशीलता” की नीति से अवगत कराया और "सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद से निपटने की आवश्यकता" पर उनका समर्थन मांगा।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि उन्हें संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस का फोन आया।
"पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले की उनकी स्पष्ट निंदा की सराहना करता हूँ। जवाबदेही के महत्व पर सहमत हूँ। भारत इस बात के लिए प्रतिबद्ध है कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और समर्थकों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।"
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 25 अप्रैल को एक बयान जारी कर जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकवादी हमले की “कड़े शब्दों में निंदा” की और इस बात पर जोर दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए और इस "निंदनीय आतंकवादी कृत्य" के आयोजकों और प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकवादी हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच गहन कूटनीतिक शक्ति-संचालन चल रहा है तथा दिल्ली और इस्लामाबाद दोनों ही अंतर्राष्ट्रीय समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहे हैं।