भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को अधिक समतापूर्ण वैश्विक भविष्य बनाने के लिए सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी का जिम्मेदारी से उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया।
विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (WAVES) 2025 के दूसरे दिन अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि यद्यपि बहुलवाद विश्व में अंतर्निहित है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से इसे उपनिवेशवाद और शक्तिशाली राष्ट्रों के प्रभुत्व द्वारा दबा दिया गया है।
जयशंकर ने कहा, "विश्व आंतरिक रूप से और अनिवार्य रूप से विविधतापूर्ण है और अतीत में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व द्वारा बहुलवाद को दबा दिया गया है।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक अधिक न्यायपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की स्थापना के लिए "हमारी परंपराओं, विरासत, विचारों और रचनात्मकता को आवाज प्रदान करना" आवश्यक होगा।
जयशंकर ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि चल रहे वैश्विक परिवर्तन का एक "मजबूत सांस्कृतिक आयाम" है और उन्होंने विविध दृष्टिकोणों को बढ़ाने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग की वकालत की।
उन्होंने कहा, "यह कार्य प्रौद्योगिकी की शक्ति का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करके किया जा सकता है। नवाचार ही उस छलांग की कुंजी है जो 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करेगी।"