कुल 419 IMRH खरीदे जाएंगे जिसमें 66 भारतीय नौसेना के काम में आने वाले डेक-आधारित मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (DBMRH) होंगे। IMRH के पहले प्रोटोटाइप की उड़ान अगले दो वर्षों में होगी। इसके बाद 4 साल में उसके लिए सभी आवश्यक प्रमाणीकरण पूरे कर लिए जाएंगे।
सूत्रों से स्पुतनिक इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार 2031 तक कर्नाटक के टुमकुर में बनी HAL की नई हेलीकॉप्टर फैक्टरी से IMRH का उत्पादन प्रारंभ हो जाएगा। IMRH में स्वदेशी अरावली इंजिन लगाया जाएगा जिसका उत्पादन फ्रांस की सफ़रान हेलीकॉप्टर इंजिन और HAL मिलकर करेंगे।
IMRH का विकास रूसी मूल के मध्य भार क्षमता के मि-17 और मि-8 हेलीकॉप्टरों का स्थान लेने के लिए किया जा रहा है। यह 13 टन भार का हेलीकॉप्टर है जिसमें 24 से 36 सैनिक या 4500 किग्रा तक का माल ले जाया जा सकता है। इसमें 5 पंखुडियों वाला मुख्य रोटर और 4 पंखुड़ियों वाला पिछला रोटर है।
यह 260 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकता है और इस गति से यह 800 किमी तक की उड़ान भर सकता है। इसे खासतौर पर हिमालय के ऊंचाई वाले इलाक़ों में सैनिक या माल पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है जहां भारतीय सेना की चौकियां बहुत ऊंचाई पर हैं।
यह 6700 मीटर या 22000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है यानि यह भारत के सबसे ऊंचे खारदुंगला पास को पार कर सकता है और सियाचिन की 21000 फीट की ऊंंचाई पर स्थित भारतीय सेना की सबसे ऊंची चौकी तक जा सकता है।