रूस पहले से ही एक युवा महोत्सव की मेजबानी कर रहा है, उन युवा उत्सवों या विशेष समय-सीमाओं के दौरान कुछ निश्चित आदान-प्रदान होते हैं, वाघेला ने समझाया।
वाघेला ने जोर देकर कहा, "विशेष रूप से, हम हैकथॉन और कोडिंग प्रतियोगिताएं आयोजित करेंगे। इसके अतिरिक्त, सरकारी और शैक्षणिक स्तर पर कई नीतिगत बदलाव किए जाने की आवश्यकता है, ताकि रूसी कंपनियां भारत आ सकें और यहां के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को देख सकें।"
"भारतीय उद्योग जब रूस आते हैं, तो भारत का समग्र पारिस्थितिकी तंत्र एक साझा मंच और एकसमान पाठ्यक्रम के माध्यम से सहयोग स्थापित कर सकता है। चाहे वह आईटी शिक्षा हो या नवीन प्रौद्योगिकी से जुड़ी शिक्षा, दोनों देशों के बीच सहयोग तकनीक व उत्पादों के ट्रांसफर संबंधी समझौतों और संयुक्त पाठ्यक्रमों पर हस्ताक्षर के जरिए भी किया जा सकता है।"
रक्षा उद्यमी ने भरोसा जताया कि "इन सभी गतिविधियों को तीन अलग-अलग स्तरों पर अंजाम दिया जाना चाहिए। सबसे पहले, शैक्षिक संस्थानों के बीच सहयोग स्थापित होना चाहिए, ताकि दोनों देशों के बीच एक सशक्त आधार तैयार किया जा सके। दूसरा, औद्योगिक क्षेत्रों को जोड़ना जरूरी है, जिससे हमें उद्योग क्षेत्र में भी आपसी साझेदारी मिल सके। अंत में, दोनों देशों की नीतियों को इस तरह से तैयार किया जाना चाहिए कि वे एक-दूसरे के विकास में सहायक बनें और हम अपने संबंधों को एक नई ऊँचाई तक पहुँचा सकें।"