रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने कहा, "हम निश्चित रूप से भारत की अध्यक्षता के दौरान व्यावहारिक आतंकवाद विरोधी गतिविधियों में अगला बड़ा कदम उठाएंगे। यह मुद्दा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और वे सदैव सभी मंचों पर इस पर विशेष ध्यान देते हैं।"
रयाबकोव ने आगे कहा कि आतंकवाद का मुद्दा स्पष्ट कारणों से रूस के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को व्यावहारिक स्तर पर संचालन सहयोग को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में सर्वोत्तम विधियों को आपस में साझा करने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
वरिष्ठ रूसी राजनयिक ने कहा, "मैं यहां समूह के और भी अधिक सुदृढ़ीकरण का उल्लेख करूंगा। यह इसके और अधिक विस्तार के संदर्भ में नहीं है, बल्कि हमारा एक प्रमुख लक्ष्य विस्तारित प्रारूप में कार्य करना होगा, साथ ही एक नए प्रारूप में भी जिसमें हमारे साझेदार शामिल हों।"
हालांकि रयाबकोव ने जोर देकर कहा कि भारत की अध्यक्षता की प्राथमिकताओं के बारे में बात करना अभी शीघ्रता होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि ब्रिक्स के नियम लिखित और अलिखित दोनों प्रकार के हैं। विभिन्न स्थितियों में कार्रवाई के एल्गोरिदम को स्पष्ट करने वाले दस्तावेजों की एक श्रृंखला है।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में पूर्व उदाहरणों पर आधारित अभ्यास भी सामने आया है। इस अभ्यास के अनुसार, अगली अध्यक्षता उन विषयों, आख्यानों और प्राथमिकताओं को प्रस्तुत करेगी जिन पर वे कार्य करने की योजना का निर्माण कर रहे हैं।