मेरे लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर, जो वित्त वर्ष 2024-25 की अंतिम तिमाही में 7.4% रही, एक आकंड़ा मात्र नहीं है। यह उस किसान की मेहनत का सम्मान है, जिसने आधुनिक तकनीक को अपनाकर पैदावार बढ़ाई। यह उस महिला उद्यमी की कहानी है, जिसने स्वयं सहायता समूह से यात्रा शुरू कर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पाद दुनिया तक पहुंचाए। यह उस युवा इंजीनियर का आत्मविश्वास है, जिसने मेक इन इंडिया के अंतर्गत नौकरी ढूंढ़ने के बजाय नौकरी देने वाला बना।
नए भारत की विकास यात्रा में टेक्सटाइल सेक्टर भी एक मजबूत स्तंभ बनकर उभरा है। तकनीकी वस्त्रों को वैश्विक मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए नेशनल टेक्निकल टेक्सटाइल मिशन (NTTM) और प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना एक-दूसरे के पूरक बनकर कार्य कर रही हैं। NTTM के तहत ₹510 करोड़ की सहायता से 168 नवाचार आधारित प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी दी गई है। वहीं, टेक्सटाइल इंफ्रास्ट्रक्चर को वैश्विक मानकों पर लाने के लिए देशभर में 7 पीएम मित्रा पार्क स्थापित किए जा रहे हैं, जहां पूरी वैल्यू चेन को ‘प्लग-एंड-प्ले’ मॉडल पर काम करने की सुविधा मिलेगी। यह क्षेत्र अब केवल परंपरा नहीं, बल्कि तकनीक, नवाचार और निर्यात का नया प्रतीक बन चुका है।