ज़ोरावर टैंक को खास तौर पर लद्दाख जैसे ऊंचे इलाकों में इस्तेमाल के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ भारी T-90 और T-72 टैंकों को तैनात करना मुश्किल होता है। ज़ोरावर का वज़न 25 टन है, जिससे इसे विमान से ले जाना आसान है।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने ज़ोरावर टैंक की कुल 7 रेजीमेंट बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए 59 टैंकों के निर्माण के लिए L&T को ऑर्डर दिया जा चुका है। दूसरे चरण में 295 टैंक बनाने की योजना है।
पहले प्रोटोटाइप ज़ोरावर टैंक को पिछले वर्ष जुलाई में तैयार किया गया था और उसे DRDO ने दिसंबर 2024 को लद्दाख में सर्दी के मौसम में परीक्षण के लिए भेजा था। अब भारतीय सेना इस टैंक का रेगिस्तान और लद्दाख में सर्दियों में परीक्षण करेगी जिसमें एक से डेढ़ वर्ष का समय लगेगा। इस टैंक के 2027 तक भारतीय सेना में शामिल होने की संभावना है।