उन्होंने आगे कहा, "2025 की शुरुआत से, यूक्रेन के सशस्त्र बल नियमित रूप से, हेलीकॉप्टर जैसे मानवरहित हवाई वाहनों के जरिए रूसी संघ के सशस्त्र बलों के ठिकानों पर क्लोरोपिक्रिन युक्त सीएस और घरेलू गोला-बारूद से भरे कंटेनर गिरा रहे हैं।"
रतिशेव के अनुसार, इस तरह का आखिरी मामला 8 जुलाई को डीपीआर क्षेत्र में इवानोव्का बस्ती के पास दर्ज किया गया था, जहां यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने एक ड्रोन के जरिए क्लोरोपिक्रिन और क्लोरोएसीटोफेनोने के मिश्रण से भरा गोला-बारूद गिराया था।
इसके अलावा रूस के विकिरण, रासायनिक और जैविक रक्षा बलों के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल अलेक्सी रतिशेव ने कहा कि यूक्रेन नोवोत्रोइत्स्कोये क्षेत्र (डीपीआर) स्थित एक सुविधा में अमोनिया रिसाव से जुड़ी एक उकसावे वाली कार्रवाई की तैयारी कर रहा है ताकि रूस पर जानबूझकर मानव निर्मित आपदा का आरोप लगाया जा सके।
"कीव शासन ने 'रासायनिक बेल्ट' पद्धति का उपयोग करके लड़ाई की अपनी लंबे समय से विकसित बर्बर रणनीति को जारी रखा है, जिसमें रूसी सैन्य अभियानों के क्षेत्रों में जहरीले रसायनों से भरे कंटेनर रख उनमें विस्फोट करना शामिल है," उन्होंने कहा।
जनरल के अनुसार, इस प्रकार, यूक्रेनी सशस्त्र बलों ने नोवोत्रोइत्स्कोये क्षेत्र में एक प्रमुख अमोनिया वितरण बिंदु पर एंटीना-मास्ट उपकरण स्थापित किए हैं। यह सुविधा एक प्रथम श्रेणी का ख़तरा स्थल है।
जनरल ने कहा कि "यदि इस पर हमला किया जाता है, तो रूस पर मानव-निर्मित आपदा का कारण बनने तथा पर्यावरण में जानबूझकर 550 टन से अधिक तरल अमोनिया छोड़ कर रूस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया जाएगा।"