DSTU के इंजीनियरों का यह रोबोट कोच एथलीटों की गतिविधियों पर नज़र रखने, उन्हें कुछ व्यायामों से जुड़े जोखिमों के बारे में चेतावनी देने और व्यक्तिगत प्रशिक्षण योजनाएँ बनाने के लिए वीडियो कैमरों का उपयोग करता है।
इस रोबोट कोच का वजन लगभग पाँच किलोग्राम है, पोर्टेबल होने के कारण इसे बाहर भी इस्तेमाल किया जा सकता है। DSTU में "रोबोटिक्स और मेक्ट्रोनिक्स" विभाग के प्रमुख आंद्रे इज़्युमोव ने बताया कि यह 25 किमी/घंटा तक की गति से चल सकता है इसलिए यह द्वितीय श्रेणी स्तर तक के स्प्रिंटर्स और मैराथन धावकों दोनों के लिए उपयुक्त है।
Engineers from the Don State Technical University (DSTU) have developed a personal robot coach for amateur athletes and professional track-and-field athletes.
© Photo : Alexander Titkov
उन्होंने आगे कहा, "हमारा अनुमान है कि दुनिया भर में कम से कम 25 करोड़ लोग हमारे रोबोट में रुचि ले सकते हैं। हमारा रोबोट कोच व्यक्तिगत प्रशिक्षण सत्र और भविष्य के वर्कआउट के लिए सुझाव देने के साथ-साथ एथलीट की सुरक्षा बढ़ाने के कारण विदेशी डिज़ाइनों से अलग है।"
विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के प्रारंभिक अनुमान बताते हैं कि लगभग 60 प्रतिशत ट्रैक-एंड-फील्ड एथलीट खासकर दौड़ के दौरान गति कम होने या लिगामेंट और टेंडन पर अत्यधिक दबाव के कारण अपने प्रशिक्षण के परिणामों से असंतुष्ट हैं।
इज़्युमोव ने स्पष्ट किया कि एक मोबाइल ऐप के माध्यम से नियंत्रित किए जाने वाला नया DSTU रोबोट कोच अधिक प्रभावी प्रशिक्षण और बेहतर भार प्रबंधन की सुविधा देता है।
इज़्युमोव ने स्पष्ट किया कि एक मोबाइल ऐप के माध्यम से नियंत्रित किए जाने वाला नया DSTU रोबोट कोच अधिक प्रभावी प्रशिक्षण और बेहतर भार प्रबंधन की सुविधा देता है।
शौकिया और पेशेवर दोनों ही एथलीट आमतौर पर अपनी गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए स्मार्टवॉच, फिटनेस बैंड और स्मार्टफोन ऐप जैसे विभिन्न उपकरणों का उपयोग करते हैं। हालाँकि देखने की कमी के कारण इसमें नियंत्रण की कमी आ जाती है जिसके कारण ये उपकरण अक्सर अप्रभावी होते हैं। वहीं दूसरी तरह एक कोच होने या प्रशिक्षण वीडियो देखने से व्यायाम तकनीक में सुधार करने में मदद मिल सकती है, खासकर उन व्यायामों के लिए जिनमें चोट लगने का खतरा हो सकता है।