यह केवल एक शैक्षणिक बैठक नहीं, बल्कि अतीत की गहराइयों में झांकने का अवसर होगा, जहां प्राचीन तुर्की सभ्यता की शुरुआत, उसके रहस्य और विरासत पर खुली चर्चाएं होंगी।
माना जाता है कि अल्ताई की पहाड़ियां और घाटियां तुर्क संस्कृति का जन्मस्थान रही हैं, और यहां से जुड़े मिथक, पुरातात्विक खोजें और भाषाई प्रमाण आज भी शोधकर्ताओं को आकर्षित करते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रपति के अधीन ऐतिहासिक शिक्षा आयोग, अल्ताई गणराज्य की सरकार, रूस के शिक्षा और विज्ञान मंत्रालय, रूसी विज्ञान अकादमी के ओरिएंटल स्टडीज़ संस्थान और कई अन्य प्रमुख संगठनों के सहयोग से हो रहा है।
सम्मेलन में सरकारों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ-साथ नामी इतिहासकार, तुर्कोलॉजिस्ट, अल्ताई विशेषज्ञ, पुरातत्वविद और भाषाविद शामिल होंगे। प्रतिभागी न केवल व्याख्यान देंगे, बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रदर्शनी और अल्ताई के ऐतिहासिक स्थलों का दौरा भी करेंगे।
इतिहास, संस्कृति और साहसिक खोज के प्रेमियों के लिए यह आयोजन एक ऐसा मौका है, जो सालों में शायद एक बार ही आता है।