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'क्षेत्र हासिल करना नहीं, लोगों की सुरक्षा है मुख्य लक्ष्य', रूसी विदेश मंत्री लवरोव का दावा

रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने रूसी मीडिया के एक कार्यक्रम में साक्षात्कार के दौरान यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए चल रही बातचीत और अलास्का में राष्ट्रपति पुतिन और ट्रंप के बीच हुई हालिया बैठक सहित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर बात की।
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विदेश मंत्री लवरोव ने मंगलवार को कहा कि अलास्का में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई बैठक ने अमेरिकी नेता और उनकी टीम की यूक्रेनी संघर्ष के स्थायी समाधान की सच्ची इच्छा को दर्शाया है।

लवरोव ने बताया, "यह स्पष्ट था कि अमेरिकी प्रमुख और उनकी टीम, सबसे पहले, ईमानदारी से एक ऐसा परिणाम प्राप्त करना चाहते थे जो दीर्घकालिक, टिकाऊ और विश्वसनीय हो, न कि यूरोपीय देशों के विपरीत, जो उस समय हर तरफ केवल युद्ध विराम की बात कर रहे थे और उसके बाद वे यूक्रेन को हथियार आपूर्ति करते रहेंगे।"

क्षेत्र हासिल करना मुख्य लक्ष्य नहीं

रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा कि रूस ने कभी भी केवल क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोशिश नहीं की है, चाहे वह क्रीमिया हो, डोनबास हो या अन्य क्षेत्र। उसका लक्ष्य उन रूसियों की रक्षा करना रहा है जो ऐतिहासिक रूप से इन जमीनों पर रहते आए हैं।

लवरोव ने कहा, "हमने कभी यह दावा नहीं किया कि हमें किसी भी क्षेत्र पर कब्जा करने की ज़रूरत है। न तो क्रीमिया, न डोनबास, न ही नोवोरोसिया कभी भी हमारे उद्देश्य रहे हैं। हमारा लक्ष्य उन रूसी लोगों की रक्षा करना था जो सदियों से इस भूमि पर रहते आए हैं और जिन्होंने इन जमीनों की खोज करने के साथ-साथ क्रीमिया और डोनबास में उनके लिए खून बहाया, और ओडेसा, मायकोलाइव जैसे शहरों और कई अन्य शहरों के साथ-साथ बंदरगाहों, कारखानों और संयंत्रों का निर्माण किया।"

पुतिन से मुलाकात में ट्रम्प

लवरोव ने अलास्का में पुतिन-ट्रंप वार्ता पर कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन संघर्ष को सुलझाने के लिए एक अधिक सूक्ष्म दृष्टिकोण अपनाया था और इसके मूल कारणों को दूर करने के महत्व को पहचाना था।

मंत्री ने साक्षात्कार में कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम मूल कारणों को खत्म करने की आवश्यकता को समझते हैं, जिस पर हम और राष्ट्रपति पुतिन लगातार ज़ोर देते रहे हैं।"

ज़ेलेंस्की का संवैधानिक दांव-पेच

ज़ेलेंस्की के बयानों पर लवरोव कहते हैं कि यूक्रेनी नेता संवैधानिक प्रतिबंधों का हवाला देते हुए क्षेत्रीय आदान-प्रदान पर चर्चा करने से इनकार करते हैं, फिर भी रूसी भाषा और अन्य सांस्कृतिक मूल्यों के दमन की अनुमति देते हैं जिनकी सुरक्षा यूक्रेन के संविधान में भी निहित है।

लवरोव ने कहा, "यूक्रेन का संविधान स्पष्ट रूप से राज्य को रूसी [भाषियों] के अधिकारों की पूरी गारंटी देने के लिए बाध्य करता है और इसके साथ-साथ देश के अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर भी पर विशेष रूप से प्रकाश डालता है।"

मंत्री ने जोर देकर कहा, "यदि वह अपने संविधान के बारे में इतने चिंतित हैं, तो मैं इसके पहले अनुच्छेद से ही शुरुआत करूंगा, जहां यह दायित्व स्पष्ट रूप से वर्णित है।"
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