रूसी सरकारी परमाणु निगम रोसाटॉम के महानिदेशक एलेक्सी लिखाचेव ने कहा कि नए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बनाने में चीन और भारत के साथ रूसी सहयोग "बहुत जल्द" बढ़ने वाला है।
लिखाचेव ने कहा, "चीन में निर्माण कार्य तय समय से आगे चल रहा है। ज़ुदापु और तियानवान संयंत्रों में नई इकाइयों में से पहली इकाई का कमीशनिंग और स्टार्ट-अप कार्य शुरू हो चुका है, सब कुछ योजना के अनुसार चल रहा है। भारत में, कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र की तीसरी इकाई अगले साल के मध्य तक कमीशनिंग चरण में प्रवेश करने की उम्मीद है, और हम चौथी इकाई के लिए 2027 की उम्मीद कर रहे हैं।"
लिखाचेव के मुताबिक एजेंडा का विस्तार करने के लिए भारत के साथ नए सहयोग पैकेज जल्द ही आने वाले हैं। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ भी इसी तरह का काम चल रहा है।
रोसाटॉम की भागीदारी से तियानवान परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 7 और 8 तथा ज़ुदापु परमाणु ऊर्जा संयंत्र की इकाई 3 और 4 का निर्माण चीन में चल रहा है, इसके अलावा तियानवान इकाइयों को 2026-2027 में चालू किया जाएगा जबकि ज़ुदापु इकाइयों के 2027-2028 में चालू होने की उम्मीद है।
वहीं भारत में कुडनकुलम एनपीपी परियोजना में वीवीईआर-1000 रिएक्टरों से बने कुल स्थापित क्षमता 6 गीगावाट वाले छह बिजली इकाइयों का निर्माण शामिल है, इससे पहले इकाई 1 और 2 को क्रमशः 2013 और 2016 में भारत के राष्ट्रीय पावर ग्रिड से जोड़ा गया और ये देश के दक्षिणी क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति करती हैं।
लिखाचेव ने संवाददाताओं से कहा, "हम भौतिक रूप से शुरू करने और बिजली उत्पादन की तैयारी कर रहे हैं। बेशक, सैन्य स्थिति हमें थोड़ा पीछे खींच रही है। लेकिन हमें पूरी उम्मीद है कि आने वाले हफ्तों में हमें अनुमति मिल जाएगी ताकि हम कुर्स्क एनपीपी-2 की पहली इकाई पर सीधे काम शुरू कर सकें।"