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ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भारत और रूस के मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हुई
ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भारत और रूस के मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हुई
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भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस के ऊर्जा मंत्री सर्गेई तिसविलेव के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अपनी द्विपक्षीय भागीदारी को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
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बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच चल रहे ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की और आगे सहयोग के लिए नये अवसरों की खोज की।2022 में यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालाँकि भारत सहित कुछ देशों ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूसी तेल खरीदने का फैसला किया।भारत ने अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच अपनी तेल ज़रूरतों का लगभग 88 प्रतिशत आयात किया, जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत रूस से आया। भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र कुडनकुलम एनपीपी है जो भारतीय-रूसी तकनीकी और ऊर्जा सहयोग की एक प्रमुख परियोजना है। कुडनकुलम एनपीपी के निर्माण में वीवीईआर-1000 रिएक्टरों के साथ छह बिजली इकाइयों का निर्माण शामिल है। रोसाटॉम कुडनकुलम एनपीपी की विद्युत इकाइयों को उनके सम्पूर्ण जीवन चक्र के दौरान ईंधन उपलब्ध कराता है।
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ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग पर भारत और रूस के मंत्रियों की द्विपक्षीय बैठक हुई
भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रूस के ऊर्जा मंत्री सर्गेई त्सिविलेव के साथ ऊर्जा क्षेत्र में अपनी द्विपक्षीय भागीदारी को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच चल रहे ऊर्जा सहयोग की समीक्षा की और आगे सहयोग के लिए नये अवसरों की खोज की।
"आज रूस के ऊर्जा मंत्री सर्गेई त्सिविलेव का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हुई। हमने अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम दोनों क्षेत्रों में रूस और भारत के बीच चल रहे सहयोग की समीक्षा की तथा आगे सहयोग के अवसरों की खोज की," एक्स पर एक पोस्ट में पुरी ने कहा।
रूसी तेल से ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति 2022 में यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद
पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था, हालाँकि भारत सहित कुछ देशों ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद रूसी तेल खरीदने का फैसला किया।
भारत ने अप्रैल से नवंबर 2024 के बीच अपनी तेल ज़रूरतों का लगभग 88 प्रतिशत आयात किया, जिसमें से लगभग 40 प्रतिशत रूस से आया।
रूस की भागीदारी से स्थापित परमाणु ऊर्जा संयंत्र भारत का सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र कुडनकुलम एनपीपी है जो भारतीय-रूसी तकनीकी और ऊर्जा सहयोग की एक प्रमुख परियोजना है।
कुडनकुलम एनपीपी के निर्माण में वीवीईआर-1000 रिएक्टरों के साथ छह बिजली इकाइयों का निर्माण शामिल है।
रोसाटॉम कुडनकुलम एनपीपी की विद्युत इकाइयों को उनके सम्पूर्ण जीवन चक्र के दौरान ईंधन उपलब्ध कराता है।