इन हेलीकॉप्टरों की खरीद खोज एवं बचाव (एसएआर), मानवीय आपदा राहत, घायल या बीमार सैनिकों के परिवहन और हल्के नौसैनिक अभियानों के लिए की जा रही है।
नये NUH का वजन 5,500 किलोग्राम होगा और इसमें दो इंजन होंगे। भारतीय नौसेना के पोतों पर इनकी तैनाती को आसान बनाने के लिए इनमें मुड़ने वाले पंखे और ब्लेड लगाये जाएंगे। यह हेलीकॉप्टर नौसैनिक पोत या बंदरगाह से दिन या रात दोनों समय काम कर सकेंगे। हल्के नौसैनिक अभियानों के लिए इसमें भारी या हल्की मशीनगन लगाई जाएगी।
खासबात यह भी है कि इस चयन प्रक्रिया में केवल वह हेलीकॉप्टर ही भाग ले पाएंगे जो किसी नौसेना के साथ कम से कम पांच साल से हों और संबंधित कार्य कर रहे हों।
अभी भारतीय नौसेना इस तरह के अभियानों के लिए लगभग 4 दशक पुराने चीता और चेतक हेलीकॉप्टर्स प्रयोग करती है। पुराने चीता और चेतक के अलावा स्वदेशी उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर और रूसी मूल के कामोव हेलीकॉप्टर भी नौसैनिक पोतों पर विभिन्न कार्रवाइयों के लिए तैनात रहते हैं।
भारतीय नौसेना खुद को बहुत तेज़ी से आधुनिक बना रही है और नए युद्धपोत, सबमरीन बनाए जा रहे हैं। भारत में एयरक्राफ्ट बनाने वाली सबसे बड़ी संस्था हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने भी स्वदेशी हल्के हेलीकॉप्टर बनाए हैं जो नौसेना की इस कसौटी पर खरे उतरते हैं।