उत्तर कोरिया के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी द्वारा जारी एक बयान में कहा, "हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में अमेरिका ने एक बार फिर हमारे परमाणु हथियारों के कब्जे को अवैध बताकर और परमाणु निरस्त्रीकरण के बारे में शोर मचाकर गंभीर राजनीतिक उकसावेकी कार्रवाई की है।"
बयान में कहा गया है कि उत्तर कोरिया की स्थिति "एक परमाणु-सशस्त्र राज्य के रूप में जो देश के सर्वोच्च और मौलिक कानून में स्थायी रूप से निहित है, अपरिवर्तनीय हो गई है तथा देश का 30 वर्षों से अधिक समय से परमाणु निगरानी संस्था के साथ कोई "आधिकारिक संबंध" नहीं है।"
इसमें कहा गया है कि आईएईए के पास "परमाणु अप्रसार संधि से बाहर मौजूद किसी परमाणु-सशस्त्र राज्य के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का न तो कानूनी अधिकार है और न ही नैतिक औचित्य है।"
बता दें कि परमाणु निरीक्षण पर गतिरोध के बाद उत्तर कोरिया वर्ष 1994 में IAEA से बाहर हो गया था, यह दावा करते हुए कि एजेंसी का उपयोग वाशिंगटन द्वारा उसकी संप्रभुता का उल्लंघन करने के लिए किया जा रहा है।