आज जब हम मिग-21 को इसकी ऑपरेशनल जर्नी से विदाई दे रहे हैं, तो मुझे लगता है हम एक ऐसे अध्याय को विदा करने जा रहे हैं, जो न केवल इंडियन एयरफोर्स के इतिहास में, बल्कि हमारी पूरी मिलिट्री एविएशन की जर्नी में गोल्डन लेटर्स में लिखा जाएगा, उन्होंने कहा।
"इतने लंबे समय तक मिग-21 अनेक वीरतापूर्ण कृत्यों का साक्षी रहा है। इसका योगदान किसी एक घटना तक या केवल एक युद्ध तक सीमित नहीं रहा है। 1971 के वार से लेकर करगिल के युद्ध तक या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा जब मिग-21 ने हमारी आर्म्ड फोर्सेस को जबरदस्त मजबूती न प्रदान की हो," रक्षा मंत्री ने रेखांकित किया।
साथ ही उन्होंने कहा कि "मिग-21 तो हमारा नेशनल प्राइड है। यह तो हमारी रक्षा का शील्ड रहा है। हमारी शक्ति का यह सिम्बल रहा है और इसलिए इसका सम्मान करना भला हम कैसे छोड़ सकते हैं।"