Sputnik संवाददाता ने बताया कि मास्को में दूसरे भारतीय फिल्म महोत्सव का शुभारंभ हुआ, जहां अतिथियों को "नादबिंदु" उपन्यास पर आधारित फिल्म "पुष्करा" दिखाई गई।
रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने बताया कि इस वर्ष महोत्सव के क्षेत्र और विषयों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है जिसके अतर्गत विभिन्न युगों, शैलियों, विधाओं और भाषाओं को प्रस्तुत किया जाएगा।
इस उद्घाटन समारोह के दौरान राजदूत विनय कुमार ने कहा कि भारत और रूस दो प्रमुख सभ्यताएँ हैं जिनकी पारंपरिक संस्कृतियों में समान विशेषताएँ हैं। उनके अनुसार, फिल्म निर्माण के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा के बावजूद, दोनों देश कई दशकों से इस क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ सहयोग कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम में रूसी संस्कृति मंत्रालय के प्रतिनिधि, मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास के कर्मचारी, प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता सुधीर मिश्रा और नीला माधव पांडा, मास्को में प्रवासी भारतीय और भारतीय संस्कृति में गहरी रुचि रखने वाले रूसी शामिल हुए।
15 अक्टूबर तक चलने वाले इस समारोह में रूस के अलग अलग शहरों में फिल्में दिखाई जाएंगी जैसे मास्को में 6 अक्टूबर को फिल्म "द डिसएपियरिंग मून", 8 अक्टूबर को कज़ान में "स्नोड्रॉप", 13 अक्टूबर को याकुत्स्क में "पुष्कारा" और 15 अक्टूबर को व्लादिवोस्तोक में "द डिसएपियरिंग मून" दिखाई जाएगी।