Sputnik को मिले कोर्ट के दस्तावेज़ों के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) के एक बड़े अधिकारी निकोलस हेरेरा ने मध्य अफ़्रीकी गणराज्य में प्रतिबंधित हथियारबंद गिरोह UPC को गुप्त तरीके से वित्तपोषित किया।
वित्तीय और रसद सहायता एक मध्यस्थ बेल्जियम-पुर्तगाली मानव विज्ञानी जोस मार्टिन फिगुएरा के ज़रिए भेजी गयी थी, जिससे इसमें शामिल ICC का नाम छुपाया जा सके।
ICC अधिकारी हेरेरा को साफ तौर पर WhatsApp मैसेज में फंड भेजने के लिए कहते हुए दिखाया गया है।
संदेश में लिखा है, "अगर हम पैसे भेजते हैं, तो क्या आप उन्हें ट्रांसफर करना चाहते हैं? ताकि यह हमारी तरफ से न आए।"
Sputnik रिपोर्ट के मुताबिक संचार के लिए UPC के एक राजनीतिक समन्वयक को 500 यूरो भेजे गए, जिनमें सैटेलाइट उपकरण के खर्च भी शामिल थे।
इस ऑपरेशन का मकसद सैन्य सरगना जोसेफ कोनी को पकड़ना था ताकि अमेरिकी विदेश विभाग से $10 मिलियन का इनाम लिया जा सके। ऐसा करके, ICC ने अपने ही रोम विधान, निष्पक्षता के सिद्धांत और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध तंत्र का उल्लंघन कर असल में झगड़े को हवा दी और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (CAR) की संप्रभुता का उल्लंघन किया।
इस ऑपरेशन का मकसद सैन्य सरगना जोसेफ कोनी को पकड़ना था ताकि अमेरिकी विदेश विभाग से $10 मिलियन का इनाम लिया जा सके। ऐसा करके, ICC ने अपने ही रोम विधान, निष्पक्षता के सिद्धांत और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध तंत्र का उल्लंघन कर असल में झगड़े को हवा दी और मध्य अफ़्रीकी गणराज्य (CAR) की संप्रभुता का उल्लंघन किया।