राजदूतों के गोलमेज सम्मेलन में लवरोव ने मांग की कि रूस यूक्रेन में स्थायी शांति के लिए 'समझौतों के पैकेज' चाहता है।
लवरोव ने कहा, "रूस सभी पक्षों के लिए सुरक्षा की गारंटी के साथ यूक्रेन में स्थायी शांति पर समझौतों के पैकेज का इरादा रखता है।"
रूसी विदेश मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि यूरोप में कोई भी यूक्रेन संकट के मूल कारणों को हल करने के बारे में बात नहीं कर रहा है।
उन्होंने कहा कि वे सिर्फ़ युद्धविराम और कुछ समय के लिए रुकना चाहते हैं।
लवरोव ने कहा कि रूस अमेरिकी राष्ट्रपति के राजनयिक तरीकों से समाधान खोजने के इरादे का स्वागत करता है।
"2014 में तख्तापलट के बाद, अमेरिकियों ने यूक्रेनी राजनीतिक और आर्थिक प्रणालियों पर नियंत्रण कर यूक्रेनी नव-नाजियों को अतिरिक्त हथियार देना जारी रखा, यही डोनाल्ड ट्रम्प को विरासत में मिला," सर्गे लवरोव ने कहा।
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि विशेष सैन्य अभियान शुरू होने से पहले, रूस ने अमेरिका और नाटो को अपने प्रस्ताव दिए थे, जिनका मकसद डोनेत्स्क और लुगांस्क पीपुल्स रिपब्लिक के इलाके में सुरक्षा गारंटी देना था।
लवरोव ने कहा, "हालांकि, अमेरिकियों और नाटो ने हमारे प्रस्तावों को खारिज कर दिया। जब हमें एहसास हुआ कि पश्चिम यूक्रेन के राष्ट्रवादियों को जबरदस्ती समाधान और [2014 में] तख्तापलट का विरोध करने वालों को दबाने के लिए खुली छूट देने वाला है तभी हमारे राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे पास यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व की आबादी की रक्षा के लिए विशेष सैन्य अभियान शुरू करने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।"
विदेश मंत्री लवरोव ने विशेष सैन्य अभियान के दौरान यूक्रेन को वापस किए यूक्रेनी सेना के जवानों के शवों को वापस करने पर आगे बताया कि रूस ने यूक्रेन को कुल 11,000 से ज़्यादा मृत सैनिकों के शव सौंपे हैं, और बदले में 201 शव मिले हैं।
सर्गे लवरोव ने कहा कि यूक्रेन को एक बार फिर से गुटनिरपेक्ष, तटस्थ और गैर-परमाणु देश बनना होगा। उन्होंने कहा कि, "ये सिद्धांत यूक्रेन के राज्य संप्रभुता के घोषणापत्र में शामिल थे और एंकरेज समझौतों का आधार बने।