यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

वार्ता हमेशा आवश्यक और महत्वपूर्ण होती है: इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन वार्ता पर पुतिन

© SputnikPutin arrived in Russia's Nothern region of Arkhangelsk to discuss Navy's submarine forces
Putin arrived in Russia's Nothern region of Arkhangelsk to discuss Navy's submarine forces - Sputnik भारत, 1920, 01.08.2025
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बेलारूस के राष्ट्रपति लुकाशेंको शुक्रवार को पुतिन से मुलाकात के लिए रूस पहुंचे जहां पुतिन और लुकाशेंको स्मोलेंस्क आइकॉन ऑफ़ द मदर ऑफ़ गॉड चर्च में प्रार्थना सभा में शामिल हुए। इसके अलावा पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग के बाहर लुकाशेंको से अनौपचारिक मुलाकात की। रूस और बेलारूस के राष्ट्रपतियों ने इस बैठक के बाद मीडिया से बात की।
राष्ट्रपति पुतिन ने इस्तांबुल में हुई रूस-यूक्रेन वार्ता पर कहा कि बातचीत हमेशा आवश्यक और महत्त्वपूर्ण होती है, खासकर अगर वह शांति की इच्छा के लिए हो। इसके अलावा उन्होंने कहा कि अगर यूक्रेन का मानना है कि रूस के साथ समझौता करना अभी ज़रूरी नहीं है, तो रूस इंतज़ार कर सकता है।

यूक्रेनी समझौता प्रक्रिया पर पुतिन ने कहा, "बातचीत को मैं कुल मिलाकर सकारात्मक मानता हूँ। खैर, इस बात का नकारात्मक मूल्यांकन कैसे किया जा सकता है कि सैकड़ों लोग अपने देश लौट आए हैं? यह सकारात्मक है। जैसा कि आप जानते हैं, मानवीय कारणों से हमने हज़ारों मृत यूक्रेनी सैनिकों के शव यूक्रेन को सौंपे और बदले में अपने कई दर्जन जवानों के शव प्राप्त किये जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। क्या यह सकारात्मक नहीं है? बेशक यह सकारात्मक है।"

इसके आगे रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यूक्रेनी मुद्दे पर रूस द्वारा 2024 की गर्मियों में रखी गई शर्तें अपरिवर्तित रहेंगी, "ये शर्तें निश्चित रूप से वैसी ही रही हैं और ये शर्तें नहीं, बल्कि लक्ष्य हैं। मैंने जो रूस के लिए निर्धारित किए हैं।"

उन्होंने आगे बताया कि उन्हें बताया गया था कि "रूस क्या चाहता है, यह स्पष्ट नहीं है। इसलिए हमने पिछले साल जून में रूसी संघ के विदेश मंत्रालय के नेतृत्व के साथ एक बैठक में इन्हें निर्धारित किया। वहाँ सब कुछ स्पष्ट है, लेकिन मुख्य बात उन कारणों को हटाना है जिन्होंने इस संकट को जन्म दिया।"

याद दिलाएं कि उन शर्तों की सूची में यूक्रेन की सैन्य गठबंधनों में शामिल न होना, यूक्रेन की गैर-परमाणु स्थिति, डोनबास, खेरसॉन और जपोरोज्ये क्षेत्रों को रूसी क्षेत्र के रूप में मान्यता देना, मास्को के विरुद्ध प्रतिबंध हटाना हैं।
रूस के हथियारों में सबसे घातक माने जाने वाली ओरश्निक मिसाइल पर पुतिन ने कहा कि पहली सीरियल मिसाइल तैयार कर ली गई है और उसे सेना को सौंप दिया गया है।

पुतिन ने बताया, "हमने ओरश्निक मिसाइल का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू कर दिया है और पहली मिसाइलें तैयार कर ली हैं। और यह सैनिकों की सेवा में शामिल हो गई हैं। अब यह श्रृंखला चालू हो गई है।"

पुतिन ने आगे मीडिया से बात करते हुए कहा कि हाल ही में, हमारे सभी विरोधी लड़ाई के मैदान में रूस को रणनीतिक रूप से परास्त करने की बात कर रहे थे। राष्ट्रपति ने ज़ोर देकर कहा कि अब "उनका एक ही जुनून है, किसी भी कीमत पर हमारी प्रगति को रोकना है।"

उन्होंने कहा, "रूसी सेनाएं पूरी अग्रिम पंक्ति में आगे बढ़ रही हैं।" पुतिन ने पुष्टि की कि रूसी सैनिकों द्वारा चासोव यार को मुक्त कराने की खबरें पूरी तरह सटीक हैं। पुतिन ने ज़ोर देकर कहा कि "रूस यूक्रेन में स्थायी और सुरक्षित शांति चाहता है।"

पुतिन ने कहा कि आज की दुनिया में आर्थिक विकास सहित संप्रभुता एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, उन्होंने आगे कहा कि यूरोपीय संघ में वर्तमान में "किसी भी प्रकार की संप्रभुता का अभाव है।"
रूस-यूक्रेन वार्ता का तीसरा दौर 23 जुलाई को इस्तांबुल में हुआ और लगभग एक घंटे तक चला। यह वार्ता प्रतिनिधिमंडल के प्रमुखों रूसी राष्ट्रपति के सहयोगी व्लादिमीर मेदिंस्की और यूक्रेनी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव रुस्तम उमरोव के बीच एक निजी बैठक के बाद सिरागन पैलेस में गोपनीय रूप से आयोजित की गई।
अन्य बातों के अलावा, सैन्य कार्रवाई के कारण रूस के कुर्स्क क्षेत्र से विस्थापित हुए नागरिकों की वापसी के मुद्दे पर भी चर्चा की गई, वार्ता के बाद मेदिंस्की ने बताया।
रूस-यूक्रेन उच्च स्तरीय बैठक में समझौता प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए और विशेषज्ञ स्तर के कार्य के परिणामों को अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इस्तांबुल में तीसरे दौर की वार्ता के बाद पत्रकारों को बताया। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिलहाल मास्को और कीव के दृष्टिकोण बिल्कुल विपरीत हैं और यह असंभव है कि उनमें रातोंरात सुलह हो जाए।
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