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भारत में क्रिसमस कैसे मनाया जाता है?

© AP Photo / Altaf QadriAn elderly Indian Christian man touches the feet of the statue of baby Jesus after attending a Christmas mass at Saint Mary's church in Noida, a suburb of New Delhi, India, Saturday, Dec. 25, 2021.
An elderly Indian Christian man touches the feet of the statue of baby Jesus after attending a Christmas mass at Saint Mary's church in Noida, a suburb of New Delhi, India, Saturday, Dec. 25, 2021. - Sputnik भारत, 1920, 13.12.2022
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भारत में ईसाई प्रति वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस दिवस मनाते हैं। यह भारत में सभी के लिए सार्वजनिक अवकाश है। ईसाई धर्म भारत का तीसरा सबसे बड़ा धर्म हे, इसके लगभग 2.78 करोड़ अनुयायियों के साथ यह भारत का कुल जनसंख्या का 2.3 प्रतिसत आबादी है, गौरतलब है कि भारत की कुल जनसंख्या लगभग डेढ़ अरब के आस पास हे।
क्रिसमस का अर्थ क्या है?
क्रिसमस ईसाइयों के लिए वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। यह ईसा मसीह के जन्म की याद में मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है। पारंपरिक क्रिसमस कथा के अनुसार ईसा मसीह का जन्म बेथलहम में हुआ था। जब ईसा मसीह का जन्म हुआ, तो स्वर्गदूतों ने चरवाहों को इस खबर की घोषणा की, जिन्होंने इसको फैलाया।
क्रिसमस के दौरान ईसाई क्या करते हैं?
बहुत ईसाई विशेष चर्च सेवाओं में भाग लेने, परिवार के साथ समय बिताने और खाना पकाने और खाने के तरीके से क्रिसमस को मनाते हैं। लोग इन दिनों उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और बच्चों को ज़रूर उपहार और मिठाई देते हैं। इसके इलवा वे दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, चेन्नई और गोवा में आयोजित होनेवाले लोकप्रिय क्रिसमस त्योहारों में भाग लेने में दिलचस्पी दिखाते हैं।
कैरल गायन भी भारत में लोकप्रिय क्रिसमस परंपरा है। गोवा सहित भारत के कुछ क्षेत्रों में विशेष वृन्दगान में गानेवाले लोग विभिन्न घरों में आकर क्रिसमस कैरल गाते हैं। उत्तर-पश्चिम भारत में ईसाई क्रिसमस की कहानी सुनाते हैं और अपनी बोलियों में मधुर कैरल गाते हैं।
भारत में ईसाई कहाँ रहते हैं?
वेसे तो भारत मैं सभी राज्यों मैं ईसाई रहते हें किन्तु ज्यादातर ईसाई धर्म नागालैंड, मिजोरम, मेघालय और मणिपुर के उत्तर पूर्व भारतीय राज्यों में प्रमुख धर्म है। अरुणाचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, गोवा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह में बहुत इसाई लोग रहते हैं। इन राज्यों के आलावा, मुंबई और दिल्ली ऐसे शहर हैं, जिन में सबसे बड़ा भारतीय ईसाई समुदाय मौजूद है।
भारतीय ईसाई चर्चों और अपने घरों को किस तरह सजाते हैं?
क्रिसमस के दौरान चर्चों को असाधारण रूप से क्रिसमस के अलंकरणों से सजाया जाता है, जिन में पॉइन्सेटिया फूल, सुगंधित मोमबत्तियाँ और चमकदार रोशनी शामिल हैं। वे मेज़ों और खिड़कियों पर राखी और फूल लगाए जाते हैं।
अपने घरों को सजाने के लिए लोग अक्सर केले और आम के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं। पारंपरिक क्रिसमस ट्री के बजाय, केले या आम के पेड़ को सजाया जाता है या फिर उस किसी भी पेड़ को सजाया जाता है, जो लोगों को पसंद हो।
भारत में क्रिसमस के समय घरों में मिसलटो को लटकाने की परंपरा बहुत लोकप्रिय है। लोगों का मानना ​​है कि ऐसा करने से घर में सौभाग्य सहृदता का वातावरण होगा और बुरी शक्तियां घर से दूर रहेंगी। केरल में दिसंबर के पहले दिन से इस महीने के अंत तक हर घर और कार्यालय को कागज या प्लास्टिक के क्रिसमस स्टार से सजाया जाता है।
चर्चों के इलवा क्रिसमस के समय घरों को दीपकों और रौशनी से सजाने की परंपरा बहुत लोकप्रिय है। गोवा में ईसाई घरों के बीच कागज़ से बने विशाल लालटेन लटकाते हैं। दक्षिण भारत में ईसाई अक्सर अपने पड़ोसियों को यह दिखाने के लिए कि यीशु दुनिया की रोशनी हैं अपने घरों की सपाट छतों पर तेल से जलनेवाले छोटे दीये जलाते हैं।
क्रिसमस के दौरान ईसाई क्या खाना खाते हैं?
पारंपरिक क्रिसमस डिनर में चिकन करी, स्टीम्ड राइस केक और मीठी ब्रेड शामिल हैं। इसके साथ भारतीय ईसाईयों का पसंदीदा क्रिसमस खाना नारियल वाला चावल, चिकन स्टर फ़्राय, मटन करी और आलू कोरमा है।
भारतीय घरों में छुट्टी मनाने के लिए केरल प्लम केक और क्रिसमस फ्रूट केक खाये जाते हैं। फ्रूट केक की रेसिपी में आम तौर पर कटे हुए काजू, काली किशमिश, और सूखे खजूर शामिल हैं।
क्रिसमस पर लोग मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं। उदाहरण के लिए, गोवा के निवासी स्थानीय मिठाइयों का आदान-प्रदान करते हैं।
भारत में सांता क्लॉज़ को क्या कहते हैं?
भारत में यह भी माना जाता है कि फादर क्रिसमस या सांता क्लॉज बच्चों को उपहार देते हैं। लोग उन्हें हिंदी में क्रिसमस बाबा या सांता बाबा, तमिल और तेलुगु से अनुवाद में "क्रिसमस अधेड़ आदमी" और मराठी से अनुवाद में "क्रिसमस बुज़ुर्ग आदमी" कहते हैं। केरल में उन्हें "क्रिसमस पापा" के नाम से जाना जाता है।
क्रिसमस पालना क्या है?
भारत में ईसा मसीह के जन्म के दृश्यों को अक्सर "क्रिसमस पालना" कहा जाता है। क्रिसमस पालने को विभिन्न परिवारों द्वारा ईसा मसीह के जन्म के दृश्य को दिखाने के लिए सजाया जाता है। इसको सजाते समय लोग मूर्तियों के इलवा विभिन्न सामग्री का उपयोग कर सकते हैं, उदाहरण के लिए, रेत, चट्टानें और पौधे। क्रिसमस पालने को सजाने के दौरान महत्वपूर्ण है यह कि लोग क्रिसमस की शुरुआत से पहले, शिशु यीशु की मूर्ति को इस में न रखें।
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