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विदेशी राज्य अफगानिस्तान में दाएश का समर्थन करते हैं: तालिबान
विदेशी राज्य अफगानिस्तान में दाएश का समर्थन करते हैं: तालिबान
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जब तालिबान** पिछले अगस्त में फिर से सत्ता में आया तब से दाएश* ने अफ़ग़ानिस्तान में हुए दर्जनों हमलों की ज़िम्मेदारी ली है। आतंकवादियों ने देश में अल्पसंख्यकों और विदेशियों पर अक्सर हमला करता रहा।
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समूह के एक प्रवक्ता ने Sputnik को बताया कि पिछले अगस्त में तालिबान* के सत्ता में आने के बाद से कुछ विदेशी सरकारों की खुफिया एजेंसियां अफगानिस्तान में दाएश** आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रही हैं।दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख सुहैल शाहीन ने यह जानकारी साझा की है कि अंतरिम अफगान सरकार के पास सबुत हैं कि वर्तमान सरकार को अस्थिर करने के लिए अशरफ गनी के पिछले प्रशासन के अधिकारियों ने दाएश को समर्थन दीया था।दाएश- खुरासन यानी अफगानिस्तान में स्थानीय दाएश सहयोगी ने हाल के ही महीनों में अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को सक्रीय रूप से चलाया है। जिसने विदेशी सरकारों को काबुल पर दबाव डालने को मजबूर किया है, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि आतंकवादी अन्य देशों पर हमला करने के लिए अफगान मिट्टी का उपयोग करें। यह निश्चय तब किया गया था जब फरवरी 2020 में तालिबान ने अमेरिका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।इसी हफ्ते ही दाएश ने काबुल में अपमार्केट लोंगन होटल पर घातक हमले की जिम्मेदारी ली है, जिस दौरान बीजिंग के अनुसार कम से कम पांच चीनी नागरिक घायल हो गए और अफगान सुरक्षाकर्मीयों की मौत हुई थी।इस से पहले दाएश ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पर हमला की जिम्मेदारी ली थी, जिस वजह मिशन में पाकिस्तानी गार्ड को गोली लगी थी। इस्लामाबाद ने हमले को काबुल में इस्लामाबाद के मिशन के प्रमुख उबैद-उर-रहमान निजामानी के खिलाफ "हत्या" के प्रयास के रूप में बयां की । हालांकि इस्लामाबाद ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर रहा है कि वास्तव में हमले के पीछे दाइश का हाथ है या नहीं।सितंबर में कुख्यात आतंकी समूह ने काबुल में रूसी दूतावास के प्रवेश द्वार के पास विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी, जिसके कारण दो रूसी कर्मचारियों की मौत हुई थी। *तालिबान आतंकवादी गतिविधियों के कारण संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है।**दाएश, जिसे आईएसआईएस/आईएस/इस्लामिक स्टेट कहा जाता है, रूस सहित बहुत देशों में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है।
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अफगानिस्तान में दाएश, अशरफ गनी का पिछला प्रशासन, सुहैल शाहीन, काबुल में पाकिस्तानी दूतावास
अफगानिस्तान में दाएश, अशरफ गनी का पिछला प्रशासन, सुहैल शाहीन, काबुल में पाकिस्तानी दूतावास
विदेशी राज्य अफगानिस्तान में दाएश का समर्थन करते हैं: तालिबान
जब तालिबान* पिछले अगस्त में फिर से सत्ता में आया तब से दाएश** ने अफ़ग़ानिस्तान में हुए दर्जनों हमलों की ज़िम्मेदारी ली है। इन के आतंकवादियों ने देश में अल्पसंख्यकों और विदेशियों पर अक्सर हमले करते रहे हैं ।
समूह के एक प्रवक्ता ने Sputnik को बताया कि पिछले अगस्त में तालिबान* के सत्ता में आने के बाद से कुछ विदेशी सरकारों की खुफिया एजेंसियां अफगानिस्तान में दाएश** आतंकवादियों को समर्थन प्रदान कर रही हैं।
दोहा में तालिबान के राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख सुहैल शाहीन ने यह जानकारी साझा की है कि अंतरिम अफगान सरकार के पास सबुत हैं कि वर्तमान सरकार को अस्थिर करने के लिए अशरफ गनी के पिछले प्रशासन के अधिकारियों ने दाएश को समर्थन दीया था।
जब शाहीन से पूछा गया कि किन देशों ने अफगानिस्तान में दाएश का समर्थन किया था तब उन्होंने कहा कि "हमारे अधिकारी भविष्य में उनके बारे में बताएंगे [जैसा कि यह करना चाहिए]"।
दाएश- खुरासन यानी अफगानिस्तान में स्थानीय दाएश सहयोगी ने हाल के ही महीनों में अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियों को सक्रीय रूप से चलाया है। जिसने विदेशी सरकारों को काबुल पर दबाव डालने को मजबूर किया है, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि आतंकवादी अन्य देशों पर हमला करने के लिए अफगान मिट्टी का उपयोग करें। यह निश्चय तब किया गया था जब फरवरी 2020 में तालिबान ने अमेरिका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
इसी हफ्ते ही दाएश ने काबुल में अपमार्केट लोंगन होटल पर घातक हमले की जिम्मेदारी ली है, जिस दौरान बीजिंग के अनुसार कम से कम पांच चीनी नागरिक घायल हो गए और अफगान सुरक्षाकर्मीयों की मौत हुई थी।
इस से पहले दाएश ने काबुल में पाकिस्तानी दूतावास पर हमला की जिम्मेदारी ली थी, जिस वजह मिशन में पाकिस्तानी गार्ड को गोली लगी थी। इस्लामाबाद ने हमले को काबुल में इस्लामाबाद के मिशन के प्रमुख उबैद-उर-रहमान निजामानी के खिलाफ "हत्या" के प्रयास के रूप में बयां की ।
हालांकि इस्लामाबाद ने कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर रहा है कि वास्तव में हमले के पीछे दाइश का हाथ है या नहीं।
सितंबर में कुख्यात आतंकी समूह ने काबुल में रूसी दूतावास के प्रवेश द्वार के पास विस्फोट की जिम्मेदारी ली थी, जिसके कारण दो रूसी कर्मचारियों की मौत हुई थी।
दाएश द्वारा किए गए आतंकवादी हमलों में वृद्धि के बावजूद, शाहीन ने कहा कि समूह की अफगानिस्तान में "भौतिक उपस्थिति" बहुत कम है। उन्होंने कहा कि "दाएश छोटी सेलों में छिप रहा है और केवल विदेशी तत्वों द्वारा समर्थित है।"
*तालिबान आतंकवादी गतिविधियों के कारण संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के अधीन है।
**दाएश, जिसे आईएसआईएस/आईएस/इस्लामिक स्टेट कहा जाता है, रूस सहित बहुत देशों में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है।