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भारत में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्यों से जुड़े ठिकानों पर छापे मारे गये

© AP Photo / Mustafa QuraishiIndian Muslims from the Popular Front of India shout slogans to demand for affirmative action for Muslims in government jobs and in education, in New Delhi, India, Monday, March 15, 2010
Indian Muslims from the Popular Front of India shout slogans to demand for affirmative action for Muslims in government jobs and in education, in New Delhi, India, Monday, March 15, 2010 - Sputnik भारत, 1920, 29.12.2022
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संघीय सरकार ने इस साल सितंबर में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मुस्लिम संगठन पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था।
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (National Investigation Agency - NIA) यानी भारत की शीर्ष आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने गुरुवार को केरल भर में प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) संगठन के कई सदस्यों के घरों को छान मारा।
अधिकारियों का हवाला देते हुए मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पीएफआई के सदस्य कथित तौर पर 'फिर से समूह' बनाने की योजना बना रहे थे, इस योजनाओं को तोड़ने के लिये छान मारने के कदम उठाये गये थे।
एर्नाकुलम में आठ जगहों पर, आलप्पुषा़ और मलप्पुरम में चार जगहों पर, तिरुवनंतपुरम में तीन जगहों पर और अन्य जगहों पर भी छापेमारी की गई है।

पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर प्रतिबंध

इस साल सितंबर में इस संगठन पर सख्त आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया था। पांच साल का प्रतिबंध राष्ट्रव्यापी छापे के दो दौर और इस संगठन या इसकी संबद्ध सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) से जुड़े 300 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी के बाद लगाया गया था।
इस संगठन पर वैश्विक आतंकवादी समूहों से संबंध रखने और भारत में सांप्रदायिक नफरत फैलाने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था।
संघीय सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद, केरल राज्य सरकार ने राज्य में संगठन और उसके सहयोगियों के कार्यालयों को बंद कर दिया, जबकि उनके बैंक खाते भी अवरुद्ध कर दिए गए।
पीएफआई के अलावा इस संगठन के आठ सहयोगी यानी रिहैब इंडिया फाउंडेशन, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, अखिल भारतीय इमाम परिषद, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय महिला मोर्चा, जूनियर मोर्चा, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल को भी आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंधित कर दिया गया था।
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