महिला पुलिसकर्मी से डीएमके कार्यकर्ताओं की बदतमीजी को बीजेपी ने बताया 'शर्मनाक'
20:25 02.01.2023 (अपडेटेड: 13:28 04.01.2023)

© AP Photo / Oinam Anand
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तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) पार्टी के पूर्व महासचिव के अंबाझगन के 100 साल पूरे होने के मौके पर कार्यक्रम आयोजित के दौरान यह घटना हुई।
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर यानी 31 दिसंबर को चेन्नई के विरुगंबक्कम इलाके में एक जनसभा के दौरान डीएमके पार्टी के दो पदाधिकारियों द्वारा कथित तौर पर एक महिला पुलिसकर्मी को परेशान किया गया था।
इस घटना के बारे में महिला कांस्टेबल ने रविवार को वलसरवक्कम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है।
इस घटना के बारे में महिला कांस्टेबल ने रविवार को वलसरवक्कम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है।
अपनी शिकायत में, महिला कांस्टेबल ने उल्लेख किया है कि उसे कार्यक्रम के दौरान प्रवीण और एकंबरम नामक डीएमके युवा विंग के दो सदस्यों द्वारा परेशान किया गया था। हालांकि, जब पुलिसकर्मी उन दोनों आरोपियों को गिरफ्तार करने गए तो उन्हें डीएमके सदस्यों ने रोक लिया।
गौरतलब है कि जहां यह घटना हुई, उस कार्यक्रम में सांसद कनिमोझी, स्वास्थ्य मंत्री एम.सुब्रमण्यम और विधायक प्रभाकर राजा जैसे कई सीनियर डीएमके नेता मौजूद थे।
इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्तारूढ़ डीएमके की आलोचना की है।
"डीएमके के लोगों ने गिरोह बना लिया और कांस्टेबल को परेशान करने के आरोपी दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने से पुलिस को रोक दिया। तमिलनाडु में शर्मनाक स्थिति है। शासन गहरी नींद में है," भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने ट्विटर पर लिखा।
गौरतलब है कि जहां यह घटना हुई, उस कार्यक्रम में सांसद कनिमोझी, स्वास्थ्य मंत्री एम.सुब्रमण्यम और विधायक प्रभाकर राजा जैसे कई सीनियर डीएमके नेता मौजूद थे।
इस घटना को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सत्तारूढ़ डीएमके की आलोचना की है।
"डीएमके के लोगों ने गिरोह बना लिया और कांस्टेबल को परेशान करने के आरोपी दो व्यक्तियों को गिरफ्तार करने से पुलिस को रोक दिया। तमिलनाडु में शर्मनाक स्थिति है। शासन गहरी नींद में है," भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने ट्विटर पर लिखा।
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2022 में भाजपा उपाध्यक्ष शशिकला पुष्पा ने डीएमके सरकार में मंत्री और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा घर में घुसकर हमले करने का आरोप लगाया था। हालांकि यह साबित नहीं किया गया था और राजनीतिक दलों के बीच सिर्फ आरोप प्रत्यारोप बनकर विवाद खत्म हो गया।
