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श्रीलंका में टीके की कमी से रेबीज फैलने का खतरा

© AP Photo / Anupam NathA stray dog crosses a deserted road during nationwide lockdown in Gauhati, India, Tuesday, May 5, 2020
A stray dog crosses a deserted road during nationwide lockdown in Gauhati, India, Tuesday, May 5, 2020 - Sputnik भारत, 1920, 04.01.2023
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रेबीज खतरनाक वायरस है जो कुत्ते, बिल्ली, लोमड़ी, बंदर आदि जानवरों के काटने से इंसानों में फैलता है। पूरी दुनिया में हर साल लगभग 59 हजार लोग रेबीज के कारण मर जाते हैं। इनमें ज्यादातर मौतें एशिया और अफ्रीका में होती है।
साल 2023 में श्रीलंका में रेबीज तेजी से फैल सकता है क्योंकि द्वीप देश में टीके की अत्यंत कमी से जूझ रहा है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य पशु चिकित्सा सेवाओं के निदेशक एल.डी. किथसिरी के अनुसार कैंडी, गाले, मटारा, हंबनटोटा, कोलंबो और गंपाहा जिलों में भंडारण इकाइयों में टीके उपलब्ध नहीं है।
"हम अन्य क्षेत्रीय भंडारण इकाइयों में शेष टीकों का उपयोग करके फरवरी तक टीकाकरण कार्यक्रम चला रहे हैं लेकिन फरवरी से कोई टीकाकरण नहीं होगा," किथसिरी ने कहा।
गौरतलब है कि पिछले साल द्वीप देश में रेबीज से 28 लोगों की मौत हुई थी और उनमें से 17 कुत्ते के काटने से बीमार हुए थे। जबकि साल 2022 में एक लाख कुत्तों का टीकाकरण किया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के अनुसार 1970 के दशक के मध्य में मानव रेबीज से होने वाली मौतों की संख्या 377 थी लेकिन श्रीलंका में सफल टीकाकरण अभियान के कारण साल 2021 में सिर्फ 31 तक सिमट गई थी।
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