राजनीति
भारत की सबसे ताज़ा खबरें और वायरल कहानियाँ प्राप्त करें जो राष्ट्रीय घटनाओं और स्थानीय ट्रेंड्स पर आधारित हैं।

पीएम मोदी ने सहकारी संघवाद के नए युग की शुरुआत करने वाले सम्मेलन की अध्यक्षता की

© Photo : BJP Uttar PradeshThe Bharatiya Janata Party (BJP) trounced the Samajwadi Party in the bypolls to the Rampur Sadar assembly constituency in Uttar Pradesh
The Bharatiya Janata Party (BJP) trounced the Samajwadi Party in the bypolls to the Rampur Sadar assembly constituency in Uttar Pradesh  - Sputnik भारत, 1920, 06.01.2023
सब्सक्राइब करें
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित इस तीन दिवसीय सम्मेलन के पीछे विचार यह है कि सहकारी संघवाद, केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के माध्यम से राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है, जो नए भारत के विकास और प्रगति के लिए एक आवश्यक स्तंभ है।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को नई दिल्ली में राज्यों के साथ साझेदारी में तीव्र गति से निरंतर आर्थिक विकास हासिल करने पर केंद्रित मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता की।
सम्मेलन में 200 से अधिक नौकरशाहों में केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, मुख्य सचिव और सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और डोमेन विशेषज्ञ शामिल हो रहे हैं। सम्मेलन में अर्थव्यवस्था के साथ-साथ नौकरियों और समावेशी मानव विकास पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सम्मेलन में भाग लेते हुए प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) के बयान में यह कहा गया है।
यह कोई अकेला उदाहरण नहीं है जब पीएम मोदी ने भारत की कई जटिल चुनौतियों का समाधान करने के लिए जरूरी दक्षता और तालमेल से सहकारी संघवाद का लाभ उठाने की कोशिश की है। विगत आठ वर्षों में, पीएम मोदी ने नीति-निर्माण और कार्यान्वयन की प्रक्रिया को अधिक सहयोगात्मक और परामर्शात्मक बनाने की कोशिश की है ताकि भारत को अधिक संघ शासित और सुयोजित सुशासित बनाया जा सके।
बता दें कि मुख्य सचिवों का पहला ऐसा सम्मेलन जून 2022 में हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था।
"सहकारी संघवाद" की दिशा में, मोदी ने अक्टूबर 2022 में राज्यों के गृह मंत्रियों के 'चिंतन शिविर' को संबोधित करते हुए यह कहा, "चिंतन शिविर सहकारी संघवाद का एक प्रमुख उदाहरण है"
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала