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उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी दरारें
उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी दरारें
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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ से 82 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित कर्णप्रयाग के कुछ हिस्से डूब रहे हैं।
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उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ से 82 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित कर्णप्रयाग के कुछ हिस्से डूब रहे हैं। भारतीय मीडिया के मुताबिक कर्णप्रयाग के कुछ घरों में दरारें देखने को मिली हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजा है, जो रिसर्च के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के बाद की जाएगी। कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने मीडिया को बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम ने यहां दो बार सर्वे किया है। उसी की रिपोर्ट का इंतजार है। देव ने कहा कि रहने के लिहाज से असुरक्षित भवनों की पहचान की जाएगी और उन्हें खाली कराया जाएगा। जोशीमठ में दरारें आने के बाद अब कर्णप्रयाग ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और यहां रहने वाले लोग अभी दहशत में हैं। 73 वर्षीय सेवानिवृत्त आपूर्ति निरीक्षक भगवती प्रसाद सती ने मीडिया को बताया कि चट्टानों को काटने के लिए भारी मशीनरी के उपयोग ने बहुगुणा नगर के खिंचाव को "अस्थिर" बना दिया है। जोशीमठ में अभी तक 723 मकानों में दरारें आ चुकी हैं और पानी के रिसाव के साथ साथ सड़कें भी फट रही हैं। लोगों को दरार आए हुए मकानों को खाली करने के लिए कहा गया है।
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उत्तराखंड, चमोली, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, आईआईटी रुड़की, उत्तराखंड
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उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब कर्णप्रयाग में भी दरारें
16:10 12.01.2023 (अपडेटेड: 16:11 12.01.2023) कर्णप्रयाग के प्रभावित इलाकों में बहुगुणा नगर, सीएमपी बैंड, सब्जी मंडी के ऊपरी भाग, अपर बाजार, शक्तिनगर व आईटीआई क्षेत्र शामिल है।
उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ से 82 किलोमीटर दूर दक्षिण पश्चिम में स्थित कर्णप्रयाग के कुछ हिस्से डूब रहे हैं।
भारतीय मीडिया के मुताबिक कर्णप्रयाग के कुछ घरों में दरारें देखने को मिली हैं, जिसके बाद जिला प्रशासन ने विशेषज्ञों की टीम को मौके पर भेजा है, जो रिसर्च के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी और आगे की कार्रवाई रिपोर्ट के बाद की जाएगी।
"कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में दरारें आ गई हैं। आईआईटी रुड़की की एक टीम क्षेत्र का अध्ययन कर रही है और उनकी रिपोर्ट के अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी," चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने मीडिया को बताया।
कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने मीडिया को बताया कि आईआईटी रुड़की की टीम ने यहां दो बार सर्वे किया है। उसी की रिपोर्ट का इंतजार है। देव ने कहा कि रहने के लिहाज से
असुरक्षित भवनों की पहचान की जाएगी और उन्हें खाली कराया जाएगा।
"मानसून से समय में पूरा क्षेत्र प्रभावित रहा है। बारिश के मौसम में पानी घरों में घुस जाता था और यहां भू-धसाव की स्थिति बनी हुई थी। हमने अगस्त और सितंबर में संयुक्त निरीक्षण किया था और 27 भवनों की सूची जिला कार्यालय को दी थी," उत्तराखंड में कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र देव ने कहा।
जोशीमठ में दरारें आने के बाद अब कर्णप्रयाग ने सरकार की चिंता बढ़ा दी है और यहां रहने वाले लोग अभी दहशत में हैं। 73 वर्षीय सेवानिवृत्त आपूर्ति निरीक्षक भगवती प्रसाद सती ने मीडिया को बताया कि चट्टानों को काटने के लिए भारी मशीनरी के उपयोग ने बहुगुणा नगर के खिंचाव को
"अस्थिर" बना दिया है।
“मेरा घर देखो। ऐसा लगता है कि भूकंप ने इसे क्षतिग्रस्त कर दिया है। मुझे लगता है कि आने वाले मानसून से कई घर उखड़ जाएंगे," भगवती ने कहा।
जोशीमठ में अभी तक 723 मकानों में दरारें आ चुकी हैं और पानी के रिसाव के साथ साथ सड़कें भी फट रही हैं। लोगों को दरार आए हुए मकानों को खाली करने के लिए कहा गया है।