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चीन के 14 Apple सप्लायर को भारत ने प्रारंभिक मंजूरी दी: रिपोर्ट
चीन के 14 Apple सप्लायर को भारत ने प्रारंभिक मंजूरी दी: रिपोर्ट
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के कई Apple आपूर्तिकर्ताओं को भारत सरकार से प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।
2023-01-19T18:19+0530
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के कई Apple आपूर्तिकर्ताओं को भारत सरकार से प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि Apple को अलग-अलग सामानों की आपूर्ति करने वाली 17 चीनी कंपनियों में से 14 ने सरकार से संपर्क कर भारत में काम करने की अनुमति मांगी थी जिसपर शुरुआती मंजूरी मिल गई है।इन कंपनियों में लक्सशेयर, सनी ऑप्टिकल, हांस लेजर टेक्नोलॉजी, यूटो पैकेजिंग टेक्नोलॉजी, स्ट्रॉन्ग, सैलकॉम्प और बोसोन शामिल हैं। ये कंपनियां अन्य स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों को भी सामानों की आपूर्ति करती हैं।हालांकि सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि इन चीनी कंपनियों को भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली संस्थाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम बनाना होगा। संयुक्त उद्यम बनने के बाद निर्माण शुरू करने के लिए अंतिम मंजूरी दी जाएगी।गौरतलब है कि मौजूदा समय में दुनिया में जितने IPhone बनते हैं, उनमें से मात्र पांच प्रतिशत ही भारत में बनते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में अप्रैल-दिसंबर में Apple ने भारत से 2.5 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट किए। यह साल 2021 की इसी अवधि से लगभग दोगुना है।
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भारत सरकार से मंजूरी, सामानों की आपूर्ति, चीन के 14 apple सप्लायर
भारत सरकार से मंजूरी, सामानों की आपूर्ति, चीन के 14 apple सप्लायर
चीन के 14 Apple सप्लायर को भारत ने प्रारंभिक मंजूरी दी: रिपोर्ट
18:19 19.01.2023 (अपडेटेड: 16:30 23.01.2023) भारत सरकार स्थानीय स्मार्टफोन उत्पादन को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना के तहत सरकार विशेष रूप से Apple पर फोकस कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के कई Apple आपूर्तिकर्ताओं को भारत सरकार से प्रारंभिक मंजूरी मिल गई है।
मामले से परिचित अधिकारियों ने बताया कि
Apple को अलग-अलग सामानों की आपूर्ति करने वाली 17 चीनी कंपनियों में से 14 ने सरकार से संपर्क कर भारत में काम करने की अनुमति मांगी थी जिसपर शुरुआती मंजूरी मिल गई है।
इन कंपनियों में लक्सशेयर, सनी ऑप्टिकल, हांस लेजर टेक्नोलॉजी, यूटो पैकेजिंग टेक्नोलॉजी, स्ट्रॉन्ग, सैलकॉम्प और बोसोन शामिल हैं। ये कंपनियां अन्य स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांडों को भी सामानों की आपूर्ति करती हैं।
“हम चाहते हैं कि भारतीय कंपनियां आपूर्ति श्रृंखला में उभरें और यह तभी संभव है जब चीन की बड़ी कंपनियां स्थानीय फर्मों के साथ साझेदारी करेंगी। मंजूरी देते समय पूरी सावधानी बरती जाएगी ताकि भारत के हितों को ठेस न पहुंचे," अधिकारी ने बताया।
हालांकि सरकार ने स्पष्ट तौर पर कह दिया है कि इन
चीनी कंपनियों को भारत में अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली संस्थाएं स्थापित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और उन्हें स्थानीय कंपनियों के साथ
संयुक्त उद्यम बनाना होगा। संयुक्त उद्यम बनने के बाद निर्माण शुरू करने के लिए अंतिम मंजूरी दी जाएगी।
गौरतलब है कि मौजूदा समय में दुनिया में जितने IPhone बनते हैं, उनमें से मात्र पांच प्रतिशत ही भारत में बनते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2022 में अप्रैल-दिसंबर में Apple ने भारत से 2.5 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट किए। यह साल 2021 की इसी अवधि से लगभग दोगुना है।