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चीनी तैयार माल के आयात में वृद्धि से भारत सरकार चिंतित

© Photo : Ministry of Foreign Affairs of the People's Republic of ChinaA freight train loaded with 265 tons of raw sugar from India left South China's Qinzhou
A freight train loaded with 265 tons of raw sugar from India left South China's Qinzhou - Sputnik भारत, 1920, 19.01.2023
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चीन के लिए भारत का निर्यात अप्रैल-दिसंबर 2022 में साल-दर-साल 35.58% गिरकर 11.03 अरब डॉलर हो गया, जबकि इसी अवधि में चीन से आयात लगभग 12% बढ़कर 75.87 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
केंद्र सरकार अरबों डॉलर के बिजली की मशीनरी, फर्नीचर, चिकित्सा उपकरणों और रसोई के कटलरी, चम्मच तथा कांटे सहित तैयार चीनी माल के आयात में वृद्धि से चिंतित है।
आत्मनिर्भर भारत की पहल से अवगत अधिकारियों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए बताया कि चीन से कच्चे माल मंगवाना "अच्छा आयात" है क्योंकि वे भारतीय फर्मों को मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्माण में मदद करते हैं, लेकिन तैयार चीनी सामानों का बड़े पैमाने पर आयात चिंता का विषय है।

"यह आश्चर्यजनक है कि भारत हर साल चीन से लगभग 20 अरब डॉलर मूल्य के पूंजीगत सामान और मशीनरी का आयात कर रहा है। संचयी रूप से, यह 10 वर्षों में 200 बिलियन डॉलर है, जिसे हम स्थानीय विनिर्माण के माध्यम से आसानी से बचा सकते थे। इस तरह की मांग के साथ, हम भारत में पूंजीगत वस्तुओं के लिए जबरदस्त निर्यात क्षमता के साथ एक विनिर्माण आधार स्थापित कर सकते थे," अधिकारी ने कहा।

साथ ही उन्होंने आगे जोड़ा, भारतीय व्यवसायी को अतिशीघ्र भारी मुनाफा कमाने की "व्यापारी मानसिकता" को छोड़कर दीर्घकालिक दृष्टिकोण रखना चाहिए। सिर्फ जनवरी-नवंबर 2021 में 21.61 बिलियन डॉलर मूल्य के बिजली मशीनरी वस्तुओं के आयात का कोई औचित्य नहीं है।

इसी तरह,17.68 अरब डॉलर के मशीनरी और 1.97 अरब डॉलर के फर्नीचर आदि माल का आयात अनावश्यक था, क्योंकि इनमें से अधिकतर वस्तुओं का उत्पादन स्थानीय स्तर पर किया जा सकता था।
बता दें कि चीन को कम निर्यात के कारण भारत का व्यापारिक घाटा बढ़कर 101.02 अरब डॉलर पहुंच गया है। साल 2021 में यह आंकड़ा 69.38 अरब डॉलर था। यह पहली बार है जब भारत-चीन के बीच व्यापारिक घाटा 100 अरब डॉलर को पार कर गया है। चीन के साथ बढ़ते व्यापारिक घाटे ने भारत की चिंताओं को बढ़ा दिया है।
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